
इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ईरान के सशस्त्र बलों के नए चीफ ऑफ स्टाफ और टॉप सैन्य कमांडरों में से एक, अली शादमानी को भी मार गिराने का दावा किया है. आईडीएफ के मुताबिक, शादमानी की मौत सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात को तेहरान में एक मुख्यालय पर हुए हवाई हमलों में हुई. ये हमले आईडीएफ की खुफिया जानकारी के आधार पर किए गए थे.
इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव
इजरायल और ईरान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है. खासकर, 13 जून, 2025 को इजरायल द्वारा शुरू किए गए "ऑपरेशन राइजिंग लायन" ने इजरायल की ताकतवर सैन्य क्षमता को दुनिया के सामने ला दिया है. इन इजरायली हमलों में ईरान के परमाणु ठिकानों, सैन्य अड्डों और बड़े नेताओं को निशाना बनाया गया, जिसमें 400 से ज़्यादा लोग मारे गए.
For the second time in 5 days— the IDF has eliminated Iran’s War-Time Chief of Staff, the regime’s top military commander.
Ali Shadmani, Iran’s senior-most military official and Khamenei’s closest military advisor, was killed in an IAF strike in central Tehran, following precise… pic.twitter.com/Bq6Z49zeCj
— Israel Defense Forces (@IDF) June 17, 2025
तेहरान और दूसरे शहरों पर हमले क्यों हुए?
तेहरान, इस्फहान, शिराज और तबरिज जैसे शहरों पर हुए हमलों के पीछे कई वजहें हैं:
- भौगोलिक कमजोरी: ईरान बहुत बड़ा देश है, जिससे उसके सभी शहरों की रक्षा करना मुश्किल हो जाता है. इजरायल की लंबी दूरी की मिसाइलें और जेट कहीं भी हमला कर सकते हैं.
- शहरी कमजोरियां: शहरी इलाकों, तेल डिपो (जैसे शाहरान) और सरकारी इमारतों पर हुए हमलों से आम लोगों में डर फैल गया.
- खुफिया जानकारी का कमाल: इजरायल की मोसाद (खुफिया एजेंसी) से मिली मदद ने इजरायल को बहुत सटीक हमले करने में मदद की.
यह घटनाक्रम इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष को और भी भड़का सकता है, जिसके अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़े परिणाम हो सकते हैं.