
इजरायल-ईरान जंग: USE ने 'गंभीर नतीजों से बचने' के लिए तनाव को तत्काल रोकने का आह्वान किया
BREAKING: The UAE calls for immediate stop to further escalation to 'avoid serious repercussions' in the region— The Spectator Index (@spectatorindex) June 22, 2025

क्षेत्र में बढ़े हुए तनाव के बीच ईरान की तरफ़ से एक बहुत बड़ी और सख़्त चेतावनी जारी की गई है. एक ईरानी अधिकारी ने साफ़ शब्दों में कहा है कि अगर उनके सर्वोच्च नेता (Supreme Leader) आयतोल्लाह अली खामेनेई को किसी भी तरह से निशाना बनाया गया, तो ईरान का जवाब 'असीमित' होगा.
इस चेतावनी का मतलब है कि ईरान अपने सर्वोच्च नेता पर किसी भी हमले को आख़िरी हद पार करना मानेगा. सर्वोच्च नेता ईरान में सबसे शक्तिशाली व्यक्ति हैं और उन पर हमला पूरे देश पर हमला माना जाएगा. 'असीमित जवाब' की धमकी से ईरान यह संदेश दे रहा है कि ऐसी सूरत में उसकी जवाबी कार्रवाई बिना किसी सीमा या बंधन के होगी, जो इस पूरे क्षेत्र के लिए बेहद ख़तरनाक हो सकता है.BREAKING: Iranian official says the country's response will be 'unlimited' if Supreme Leader Khamenei is targeted— The Spectator Index (@spectatorindex) June 22, 2025

ईरान में बढ़ते तनाव के बीच वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाया जा रहा "ऑपरेशन सिंधु" तेज़ी से जारी है. इसी अभियान के तहत आज दो और विशेष विमान ईरान के मशहद शहर से यात्रियों को लेकर दिल्ली पहुंच रहे हैं.
पहली फ्लाइट आज शाम 4:30 बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) के टर्मिनल 3 पर पहुंचेगी. वहीं, दूसरी फ्लाइट देर रात 11:30 बजे आएगी, जो टर्मिनल 3 पर ही उतरेगी. सरकार इन सभी यात्रियों की सुरक्षित वापसी और आगे की व्यवस्था सुनिश्चित कर रही है.

ईरानी न्यूक्लियर साइट फोर्डो में हुए नुक़सान की सैटेलाइट इमेज

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची आज मॉस्को (रूस की राजधानी) के लिए रवाना हो रहे हैं. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण दौरा माना जा रहा है क्योंकि वहाँ वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. इस अचानक दौरे ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है, क्योंकि ईरान और रूस दोनों ही मौजूदा वैश्विक हालात में अहम खिलाड़ी हैं.
BREAKING: Iran's foreign minister says he will head to Moscow today, will meet Putin.— The Spectator Index (@spectatorindex) June 22, 2025
विदेश मंत्री अराघची ने अपने दौरे की जानकारी देते हुए कहा कि "ईरान और रूस के बीच हमेशा तालमेल बना रहता है." उनके इस बयान से साफ़ है कि दोनों देश करीबी सहयोगी हैं और अक्सर बड़े मुद्दों पर एक-दूसरे से सलाह-मशवरा करते हैं. पुतिन से उनकी यह मुलाकात दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्तों और आने वाले समय की साझा रणनीति का एक बड़ा संकेत है.

ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला का बयान- अगर उन्हें लगता है कि ईरान हथियार छोड़ देगा, तो वे गलतफहमी में हैं. वे अपनी गर्दनें कटवा देंगे, लेकिन गर्दनें झुकाएंगे नहीं.'
'अगर उन्हें लगता है कि ईरान हथियार छोड़ देगा, तो वे गलतफहमी में हैं. वे अपनी गर्दनें कटवा देंगे, लेकिन गर्दनें झुकाएंगे नहीं.'
ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला का बयान.#FarooqAbdullah #IranIsraelConflict #Iran #Israel #America pic.twitter.com/PqSvZ1VMBi— The Lallantop (@TheLallantop) June 22, 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के नए राष्ट्रपति, मसूद पेज़ेश्कियन से फ़ोन पर बात की है. यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब मध्य पूर्व क्षेत्र में तनाव बढ़ा हुआ है. पीएम मोदी ने इस बातचीत की जानकारी खुद एक ट्वीट के ज़रिए दी.क्या बात हुई दोनों नेताओं के बीच?पीएम मोदी ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच मौजूदा हालात पर विस्तार से चर्चा हुई. उन्होंने हाल में बढ़े तनाव पर गहरी चिंता जताई.भारत का पक्ष रखते हुए, पीएम मोदी ने एक बार फिर इस बात पर ज़ोर दिया कि स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए तुरंत कुछ कदम उठाए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि आगे का रास्ता सिर्फ़ तीन चीज़ों से निकल सकता है:तनाव कम करना: यानी जो गुस्सा और टकराव है, उसे तुरंत शांत किया जाए.
बातचीत (Dialogue): सभी पक्ष आपस में बात करके मसलों को सुलझाएं.
कूटनीति (Diplomacy): लड़ाई-झगड़े की जगह समझदारी और राजनीतिक बातचीत से हल निकाला जाए.भारत का मकसद: क्षेत्र में शांति लौटेपीएम मोदी ने साफ़ कहा कि भारत चाहता है कि इस पूरे क्षेत्र में जल्द से जल्द शांति, सुरक्षा और स्थिरता वापस लौटे.यह बातचीत बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ईरान मध्य पूर्व का एक शक्तिशाली देश है और वहां हाल ही में नए राष्ट्रपति ने पद संभाला है. भारत हमेशा से ही किसी भी तरह के संघर्ष की जगह बातचीत और शांति का समर्थक रहा है. इस बातचीत के ज़रिए भारत ने एक बार फिर दुनिया के सामने अपना शांति का संदेश दोहराया है.
Prime Minister Narendra Modi spoke with the President of Iran, Masoud Pezeshkian.
PM Modi tweets "We discussed in detail about the current situation. Expressed deep concern at the recent escalations. Reiterated our call for immediate de-escalation, dialogue and diplomacy as the… pic.twitter.com/3ESe5gU2bk— ANI (@ANI) June 22, 2025

इजरायल-ईरान के बीच चल रहे भयानक तनाव के बीच एक बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है. इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने रविवार दोपहर को यह दावा करके पूरी दुनिया को चौंका दिया है कि ईरान की परमाणु क्षमता को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है. यह बयान अमेरिका और इजरायली वायु सेना द्वारा ईरान पर किए गए ताबड़तोड़ सैन्य हमलों के ठीक बाद आया है, जिससे इस दावे को और भी बल मिलता है.

ईरान ने इजरायल की तरफ दागीं मिसाइलें, IDF ने पहले ही जारी किया था हमले का अलर्ट
ईरान ने इजरायल की तरफ दागीं मिसाइलें, IDF ने पहले ही जारी किया था हमले का अलर्ट#Iran | #Israel pic.twitter.com/69ZuiGF9RG— NDTV India (@ndtvindia) June 22, 2025

इजरायल और ईरान के बीच तनाव आसमान पर पहुंच गया है. इजरायली वायु सेना ने पिछले 24 घंटों में ईरान के अंदर घुसकर दर्जनों सैन्य ठिकानों पर जोरदार हमले किए हैं. ये हमले शनिवार से लेकर आज सुबह तक जारी रहे.आज क्या हुआ? (रविवार)अभी कुछ देर पहले ही, इजरायली लड़ाकू विमानों ने ईरान के देज़फुल एयरपोर्ट पर हमला किया और ईरान के दो F-5 लड़ाकू विमानों को वहीं पर नष्ट कर दिया.इसके अलावा, आज सुबह-सुबह हुए एक और हमले में इजरायल ने ईरान के आठ मिसाइल लॉन्चरों को तबाह कर दिया. खास बात यह है कि इनमें से छह लॉन्चर इजरायल पर तुरंत मिसाइल दागने के लिए पूरी तरह से तैयार रखे गए थे.कल क्या हुआ था? (शनिवार)कल यानी शनिवार को असली बड़ा हमला हुआ था. इजरायली वायु सेना के करीब 20 लड़ाकू विमानों ने एक साथ ईरान के कई शहरों में दर्जनों ठिकानों को निशाना बनाया. ये हमले इजरायली खुफिया एजेंसी की सटीक जानकारी के आधार पर किए गए.इन हमलों में इन ठिकानों को निशाना बनाया गया:एक ऐसी सैन्य जगह जहां विस्फोटक बनाने का सामान रखा था.Israeli Air Force struck dozens of military targets in Iran yesterday.
A short while ago, IAF aircraft struck two F-5 fighter jets belonging to the Iranian Armed Forces at the Dezful Airport in Iran.
Additionally, in strikes that were conducted earlier this morning, eight… pic.twitter.com/c0ZXRVOCNJ— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) June 22, 2025
हथियारों के बड़े-बड़े गोदाम और उन्हें बनाने की फैक्ट्रियां.
ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम (जो हवाई हमलों को रोकते हैं).इसके अलावा, इस्फहान एयरपोर्ट पर मौजूद सेना के ठिकानों को भी निशाना बनाया गया ताकि ईरानी वायु सेना वहां से अपने विमानों का इस्तेमाल न कर सके. इन हमलों के बाद पूरे मिडिल ईस्ट में माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया है और आगे क्या होगा, इस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं.
Iran-Israel War LIVE: मध्य पूर्व एक विनाशकारी युद्ध की आग में झुलस रहा है. इजरायल और ईरान के बीच छिड़ा संघर्ष अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है, जिसमें अमेरिका भी सीधे तौर पर शामिल हो गया है. पिछले कुछ दिनों से दोनों देश एक-दूसरे के प्रमुख शहरों और सैन्य ठिकानों पर लगातार मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं. अमेरिकी बमवर्षकों द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाए जाने के बाद यह संकट एक पूर्ण क्षेत्रीय युद्ध में बदलने की कगार पर है, जिसने वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है.
घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्यौरा
इस विनाशकारी संघर्ष की शुरुआत 13 जून, 2025 को हुई, जब इजरायली वायु सेना ने "ऑपरेशन राइजिंग लायन" के तहत ईरान के तेहरान, नतांज और इस्फहान स्थित परमाणु और सैन्य ठिकानों पर 200 से अधिक हवाई हमले किए. इजरायली सेना के प्रवक्ता, ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने दावा किया कि इन हमलों का मकसद ईरान के परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को खत्म करना था और इसमें उन्हें "काफी हद तक सफलता" मिली. ईरानी मीडिया के अनुसार, इन हमलों में 78 लोग मारे गए, जिनमें कई आम नागरिक थे, और 320 से अधिक घायल हुए.
ईरान ने इस हमले का तत्काल और जोरदार जवाब दिया. 13 जून की रात को ही ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने इजरायल के प्रमुख शहरों तेल अवीव, जेरूसलम और हाइफा पर दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे. इन हमलों में तेल अवीव की कई इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा. इजरायली आपातकालीन सेवाओं के मुताबिक, ईरानी हमलों में कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए.
15 जून को ईरान ने हमलों का दूसरा दौर शुरू किया, जिसमें हाइफा के रणनीतिक बंदरगाह और तेल अवीव के बाहरी इलाकों को निशाना बनाया गया. IRGC ने दावा किया कि उनके नए मिसाइल सिस्टम ने इजरायल की प्रसिद्ध 'आयरन डोम' समेत बहुस्तरीय हवाई रक्षा प्रणाली को भेदने में कामयाबी हासिल की है.
संघर्ष में अमेरिकी प्रवेश और बढ़ता तनाव
17 जून तक यह संघर्ष और तेज हो गया. इजरायल ने तेहरान में ईरान के रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया, जिसके जवाब में ईरान ने फिर से तेल अवीव और जेरूसलम पर मिसाइलें दागीं.
इस युद्ध में सबसे बड़ा मोड़ 21 जून को आया, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की कि अमेरिकी बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स और टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों ने ईरान के तीन सबसे महत्वपूर्ण परमाणु ठिकानों - नतांज, इस्फहान और फोर्डो - पर सटीक हमले किए हैं. राष्ट्रपति ट्रम्प ने इसे "एक शानदार सैन्य सफलता" बताते हुए दावा किया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम "पूरी तरह से नष्ट" हो गया है.
अमेरिका के इस सीधे हस्तक्षेप ने आग में घी डालने का काम किया है. ईरान के विदेश मंत्री, अब्बास अराघची ने अमेरिकी हमलों को "गैरकानूनी और खतरनाक आक्रामकता" करार दिया और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखने की बात कही.
पृष्ठभूमि और वैश्विक प्रभाव
इजरायल और ईरान के बीच दशकों पुरानी दुश्मनी का मुख्य केंद्र ईरान का परमाणु कार्यक्रम रहा है. इजरायल इसे अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है, जबकि ईरान इसे शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बताता है. 2018 में अमेरिका के 2015 के परमाणु समझौते (JCPOA) से हटने के बाद से ही तनाव लगातार बढ़ रहा था. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 13 जून के हमलों को "ईरान के परमाणु खतरे को हमेशा के लिए खत्म करने" के लिए एक आवश्यक कदम बताया था.
इस युद्ध का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है. खाड़ी क्षेत्र में अस्थिरता के कारण कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल आया है. कई यूरोपीय और अन्य देशों ने तेहरान में अपने दूतावास बंद कर दिए हैं. संयुक्त राष्ट्र और G7 जैसे शक्तिशाली समूह इस संघर्ष को रोकने में नाकाम रहे हैं.
आगे क्या? अनिश्चित भविष्य की ओर मध्य पूर्व
तेल अवीव और तेहरान, दोनों शहरों में भय और अनिश्चितता का माहौल है. लोग रातें बम शेल्टरों में बिताने को मजबूर हैं. इजरायली रक्षा मंत्री ने तेहरान में और "महत्वपूर्ण ठिकानों" पर हमले जारी रखने के संकेत दिए हैं, जबकि ईरान ने और भी भीषण जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है.
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह संघर्ष अब केवल दो देशों के बीच नहीं रहा. यदि इसे तुरंत नहीं रोका गया, तो यह पूरे मध्य पूर्व को अपनी चपेट में ले सकता है, जिसके परिणाम भयावह होंगे. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने परमाणु सुविधाओं पर हमलों को "वैश्विक सुरक्षा के लिए अस्वीकार्य खतरा" बताते हुए तत्काल युद्धविराम की अपील की है.