Russia-Ukraine War: यूक्रेन में जारी जंग के बीच भारत लगातार अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन भारत की इस कोशिश को उस समय झटका लग गया जब यूक्रेन ने सभी सिविलियन एयरक्राफ्ट्स के लिए एयरस्पेस को बंद कर दिया. इस कारण शुक्रवार को भारतीय विमान बिना भारतीय नागरिकों को लिए वापस लौट आया. इससे पहले बुधवार को एयर इंडिया की फ्लाइट यूक्रेन की राजधानी कीव से दिल्ली वापस लौटी. इसमें छात्रों सहित कई भारतीय नागरिक आए हैं. Russia-Ukraine War: युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे तमिलनाडु के करीब 2500 छात्र, परिजन चिंतित.
इस बीच भारत अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है. केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेन से भारतीय यात्री कतर के रास्ते लौट सकते हैं. दरअसल, विमानन उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि यूक्रेन का वायु क्षेत्र खुलने के बाद ही वहां से यात्री उड़ानें फिर से शुरू होंगी.
20 हजार भारतीय फंसे हैं
बता दें किअभी 20,000 भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए हैं. उनमें से ज्यादातर छात्र हैं. क्योंकि रूस के सैन्य आक्रमण के चलते यूक्रेन के वायु क्षेत्र को बंद कर दिया गया है, ऐसे में अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वे कतर-भारत उड़ानों में सवार होने के लिए यूक्रेन से कैसे यात्रा करेंगे. कतर-भारत उड़ानें सामान्य रूप से परिचालित हो रही हैं.
पूर्वी यूरोपीय देश (यूक्रेन) के अधिकारियों ने गुरुवार सुबह हवाई सेवा कर्मियों को एक नोटिस जारी कर कहा कि यूक्रेन के अंदर यात्री उड़ानें नागर विमानन को संभावित खतरे के चलते निषिद्ध हैं. कतर में भारतीय दूतावास ने ट्विटर पर कहा, ‘‘भारत सरकार, नागर विमानन मंत्रालय ने यात्रियों को यूक्रेन से ट्रांजिट के जरिये भारत-कतर द्विपक्षीय विशेष उड़ान समझौता के तहत यात्रा करने की अनुमति दी है. ’’ इसका यह मतलब है कि यू्क्रेन से कतर आने वाले यात्री कतर और भारत के बीच परिचालित उड़ान में सवार हो सकते हैं.
गौरतलब है कि रूसी हमले के बीच यूक्रेन को डर है कि उनके यहां आने वाली फ्लाइट्स पर साइबर अटैक किया जा सकता है. इसके अलावा सिविलियन फ्लाइट्स को निशाना भी बनाया जा सकता है. यूक्रेन स्टेट एयर ट्रैफिक सर्विस के मुताबिक जोखिमों को देखते हुए गुरुवार को पूरे यूक्रेन के एयरस्पेस को सिविल फ्लाइट्स के लिए बंद कर दिया गया है.