बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर भारत के लोग गहरी चिंता और असंतोष जता रहे हैं. हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों को लेकर लोगों में आक्रोश है. इस बीच मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन, जो बांग्लादेश से निकाले जाने के बाद भारत में रह रही हैं उन्होंने बांग्लादेश सरकार की कड़ी आलोचना की. उन्होंने एक्स पर पोस्ट लिखा, जिस भारत ने बांग्लादेश को उसके दुश्मन पाकिस्तान से बचाने के लिए अपने 17,000 सैनिकों की जान गंवा दी, वह अब कथित तौर पर दुश्मन है. ये कैसा हाल बना दिया.
Bangladesh Unrest: हिंदुओं पर हमले के बीच 9 दिसंबर को बांग्लादेश जाएंगे विदेश सचिव.
तस्लीमा नसरीन (Taslima Nasreen) ने एक्स पर बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति और भारत के प्रति बदलते रवैये को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने सवाल उठाया कि जिस भारत ने बांग्लादेश को आजाद कराने में मदद की, अपने 17,000 सैनिकों की कुर्बानी दी, वह आज दुश्मन कैसे बन गया?
तस्लीमा नसरीन ने बांग्लादेश के वर्तमान नेतृत्व और मोहम्मद यूनुस की सरकार आलोचना करते हुए लिखा कि बांग्लादेश ने आज उन पाकिस्तानियों से हाथ मिला लिया है, जिन्होंने 1971 में लाखों लोगों की हत्या की और हजारों महिलाओं के साथ बलात्कार किया. पाकिस्तान, जिसने अब तक बांग्लादेश से माफी नहीं मांगी, आज दोस्त कैसे बन गया? जो देश आतंकवादियों को बढ़ावा देने में सबसे आगे है, वही आज बांग्लादेश का मित्र कैसे हो सकता है?
तस्लीमा नसरीन का पोस्ट
The India where 17,000 soldiers lost their lives saving Bangladesh from its enemy Pakistan is now supposedly an enemy.
The India that gave shelter, food, and clothing to 10 million refugees is now supposedly an enemy.
The India that provided weapons and trained freedom fighters…
— taslima nasreen (@taslimanasreen) December 6, 2024
तस्लीमा ने इसे "आत्म-विनाशकारी रवैया" करार दिया. उन्होंने लिखा, "यह कैसी विडंबना है कि बांग्लादेश उन हत्यारों और बलात्कारियों को गले लगा रहा है, जिनसे उसे बचाने के लिए लाखों बंगाली शहीद हुए."
तस्लीमा ने लिखा, "जिस भारत ने बांग्लादेश को बचाने के लिए इतना सब किया, वह अब दुश्मन कैसे बन सकता है?" तस्लीमा ने चेतावनी दी कि अगर बांग्लादेश ने अपने असली दुश्मन और मित्र में फर्क नहीं समझा, तो वह अपने विनाश की ओर बढ़ जाएगा. उन्होंने कहा कि "इतिहास को मिटाने वाले देश कभी तरक्की नहीं कर सकते."
बांग्लादेश की आजादी के भारत का सबसे बड़ा योगदान
1971 के युद्ध में भारत ने न सिर्फ बांग्लादेश को आजादी दिलाई, बल्कि मानवता की एक बड़ी मिसाल पेश की. भारत ने अपने 17,000 सैनिकों की शहादत दी ताकि बांग्लादेश को पाकिस्तान के अत्याचारों से मुक्ति दिलाई जा सके. एक करोड़ शरणार्थियों को सहारा दिया. पाकिस्तान के जुल्मों से बचकर आए बांग्लादेशियों को भारत ने शरण, भोजन और सुरक्षा प्रदान की. भारत ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों को प्रशिक्षण और हथियार दिए, ताकि वे पाकिस्तानी सेना से मुकाबला कर सकें.