हमारे देश में जब भी किसी परिवार (Family) में बच्चे का जन्म (Child Birth) होता है तो परिवार वाले उसका नामकरण करते हैं और अपनी पसंद का कोई नाम उसे देते हैं, जो जिंदगी भर के लिए उसकी पहचान बन जाता है. दरअसल, बच्चे के जन्म के बाद बच्चे के माता-पिता (parents) से लेकर तमाम रिश्तेदार (Relatives) उसके लिए तरह-तरह के नाम ढूंढने लगते हैं और फिर उनमें से कोई एक नाम उसे दिया जाता है. हालांकि भारत में बच्चों के नामकरण (Naming) को लेकर किसी तरह की कोई बंदिश नहीं है, लेकिन दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां माता-पिता अपनी मर्जी से अपने बच्चे का नामकरण नहीं कर सकते.
कई देशों में बच्चे के जन्म के बाद उसके नामकरण को लेकर सरकार ने कड़े नियम (Guide lines) बनाएं हैं और नामकरण के दौरान जो माता-पता उन निर्देशों का उल्लंघन करते हैं उन्हें जेल की हवा खानी पड़ सकती है.
डेनमार्क
डेनमार्क में बच्चे के जन्म के बाद माता-पिता अपनी मर्जी का कोई भी नाम अपने बच्चे को नहीं दे सकते, क्योंकि यहां की सरकार ने बच्चों के नाम की एक लिस्ट तैयार की है, जिसमें 7 हजार नाम हैं. यहां रहने वाले पैरेंट्स को लिस्ट में दिए गए इन नामों में से ही कोई एक नाम अपने बच्चे को देना पड़ता है. यहां जेकब, ऐशली, एनस, मंकी जैसे कई नामों पर पाबंदी लगाई गई है.
सऊदी अरब
सऊदी अरब में बिंयामीन, मल्लिका, लिंडा और माया जैसे 50 से अधिक नामों पर सरकार ने पाबंदी लगाई है. यहां बैन किए गए नामों में से कोई भी नाम माता-पिता अपने बच्चे को नहीं दे सकते. वरना उन्हें जेल तक हो सकती है. इस बारे में सऊदी अरब सरकार का तर्क है कि कुछ नाम विदेशी, अधर्मी और देश विरोधी होते हैं, इसलिए उन पर बैन लगाया गया है.
फ्रांस
फ्रांस में माता-पिता अपने बच्चों के ऐसे नाम नहीं रख सकते, जिन पर मजाक बन सकता है. कोर्ट ने कई ऐसे नामों पर बैन लगाया है, जिससे बच्चों का मजाक उड़ाया जा सकता है. यहां माता-पिता को बच्चे के नामकरण से पहले जन्म प्रमाण पत्र रजिस्ट्रार को अपने स्थानीय कोर्ट में बताना पड़ता है कि कहीं बच्चे का नाम उसके अहित में तो नहीं. यहां स्ट्रॉबेरी, प्रिंस विलियम्स, डेमन जैसे कई नामों पर पाबंदी लगाई गई है.
नॉर्वे
नॉर्वे में बच्चे के नामकरण को लेकर सरकार ने सख्स नियम बनाए हैं, जिनका पालन माता-पिता को करना पड़ता है. यहां सरनेम को नाम की तरह इस्तेमाल करने पर पाबंदी है और नामकरण के दौरान इसका खास तौर पर ख्याल रखा जाता है. यहां हैन्सन, हगेन जैसे मशहूर सरनेम को नाम के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. यह भी पढ़ें: इस देश में बच्चे पैदा करने पर कपल्स को मिलती है ज्यादा सैलरी, सरकार की ओर से पैरेंट्स को मिलती है ये सुविधाएं
जापान
जापान में भी बच्चे के नामकरण को लेकर माता-पिता को कुछ दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी होता है. यहां सरकार ने 'अकुमा' जैसे नाम पर पाबंदी लगा रखी है. यहां इस नाम का मतलब राक्षस होता है, इसलिए यहां किसी भी बच्चे का नाम अकुमा नहीं रखा जाता है.
गौरतलब है कि इन देशों के अलावा कुछ और देशों में भी बच्चे को नामकरण को लेकर सरकार ने गाइड लाइंस जारी किए हैं, जिनका पालन माता-पिता को करना पड़ता है और अगर कोई इनका उल्लंघन करता है तो उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है.