भारत में तेजी से बढ़ती हुई आबादी पर लगाम लगाने के लिए सरकार परिवार नियोजन के तहत कई तरह की योजनाएं बनाकर लोगों में जागरूकता लाने की कोशिश करती रहती है, लेकिन दुनिया का एक ऐसा देश भी है जहां नौकरीपेशा कपल्स (Working Couples) को दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर न सिर्फ ज्यादा तनख्वाह (Salary) दी जाती है, बल्कि उन्हें सरकार (Government) की ओर से कई सारी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती हैं. ये सुविधाएं बच्चे के पैदा होने के पहले से लेकर उसके पैदा होने के बाद तक पैरेंट्स (Parents) और बच्चे (Children) को दी जाती है. दुनिया का वह अनोखा देश है स्वीडन (Sweden).
स्वीडन में बच्चे के पैदा होने से पहले गर्भवती महिला को प्रीनैटल केयर मुफ्त में मुहैया कराई जाती है. इसके अलावा यहां के ज्यादातर अस्पतालों में होटल भी होते हैं, जहां बच्चे को जन्म देने वाली महिलाएं और उनके पार्टनर दो-तीन दिन तक साथ रुक सकते हैं.
सैलरी के साथ मिलती है लंबी छुट्टियां
इस देश में बच्चे को जन्म देने या फिर गोद लेने पर माता-पिता दोनों ही पैरेंटल लीव ले सकते हैं. यहां 480 दिनों की लंबी छुट्टी नए माता-पिता को मिलती है. यहां जन्म से करीब 60 दिन पहले गर्भवती महिला छुट्टी लेने का अधिकार रखती है. कुल छुट्टियों में से 390 दिनों की छुट्टियों के लिए कपल्स को उनकी कुल सैलरी का 80 फीसदी भुगतान किया जाता है, जबकि 90 दिनों की छुट्टियों का पूरा भुगतान किया जाता है.
खास बात तो यह है कि जो लोग बेरोजगार है उन्हें भी अच्छी खासी रकम दी जाती है. इसके अलावा जन्म के बाद बच्चे के 8 साल का होने तक कपल्स को कामकाज के घंटों में भी छूट दी जाती है. यहां कपल्स अपने कामकाज के घंटे 25 फीसदी तक घटा सकते हैं, लेकिन तनख्वाह उन्हें घंटों के हिसाब से ही दी जाती है. यह भी पढ़ें: गजब! प्रेगनेंट हुआ ट्रांसजेंडर, अनमोल खुशी मिलने के बाद कही दिल को छू लेने वाली बात
बच्चे को भी मिलता है मासिक भत्ता
स्वीडन में माता-पिता दोनों को ही पैरेंटल लीव की सुविधा दी जाती है. यहां कपल्स को पेड लीव देने के साथ ही सरकार बच्चे को भी मासिक भत्ता देती है. यहां प्रत्येक बच्चे को 1050 SEK के हिसाब से भत्ता मिलता है और 16 साल की उम्र तक उन्हें यह सुविधा दी जाती है.
यहां एक से ज्यादा बच्चे होने पर कपल्स को ज्यादा सुविधाएं मिलती हैं यानी जितने ज्यादा बच्चे होंगे, सुविधाएं उतनी ज्यादा मिलेंगी. यहां 6 बच्चों के परिवार को 6,300 SEK यानी 50400 रुपए के साथ-साथ अतिरिक्त 4,114 SEK का भी भगुतान किया जाता है.
यहां सरकार 6 साल से लेकर 19 साल तक के बच्चों को स्कूली शिक्षा मुफ्त में मुहैया कराती है. इसके साथ ही 20 साल की उम्र तक बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं भी मुफ्त में दी जाती है यानी कुल मिलाकर देखा जाए तो यहां लोग जितने ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं उन्हें सरकार की ओर से उतनी ही ज्यादा सुविधाएं मिलती हैं.