याशिन के सोशल मीडिया खातों पर नियमित रूप से हिरासत में बीत रहे उनके जीवन के बारे में बताया जाता है। इन खातों पर ऐसे वीडियो भी साझा किए जाते हैं, जिनमें वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शासन की आलोचना करते दिखाई देते हैं. याशिन सलाखों के पीछे से अपने वकीलों के माध्यम से सवालों के लिखित जवाब देकर मीडिया संस्थानों को साक्षात्कार देते हैं. वह अदालत में अपनी पेशी को यूक्रेन में रूस के विध्वंसकारी युद्ध के खिलाफ आवाज उठाने के अवसर के रूप में इस्तेमाल करते हैं. यूक्रेन युद्ध को लेकर पुतिन और सरकार की आलोचना करने के लिए ही उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा रहा है. यह भी पढ़ें: अमेरिका में नस्लीय हमले तेज, भारतीय मूल की सांसद को मिली धमकी, कहा- अपने देश लौट जाओ
39 वर्षीय याशिन ने मॉस्को में अपनी पेशी से पहले हिरासत केंद्र पर लिखे एक पत्र में ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) से कहा, “अभी तक प्राधिकारी मेरा मुंह बंद कराने में नाकाम रहे हैं।” उन्होंने बीते हफ्ते अपने वकीलों और सहयोगियों के माध्यम से यह पत्र एपी को सौंपा था.
याशिन ने कहा, “विपक्ष को सच बोलना चाहिए और युद्ध के खिलाफ एक शांतिपूर्ण आंदोलन को प्रोत्साहित करना चाहिए। डर से उबरने में लोगों की मदद करना बहुत जरूरी है। लेकिन, कोई केवल अपने निजी कार्यों से ही लोगों को सही मायने में प्रेरित कर सकता है.”
याशिन रूस के उन चुनिंदा विपक्षी नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने प्राधिकारियों के अत्यधिक दबाव के बावजूद रूस छोड़ने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि रूस छोड़ने से एक नेता के रूप में उनका प्रभाव और अहमियत प्रभावित होगी.
क्रेमलिन के मुखर आलोचक, जेल में बंद विपक्षी नेता एलेक्सई नवलनई के प्रबल समर्थक और मॉस्को नगरपालिका परिषद के एक प्रमुख सदस्य यशिन को इस साल जून में गिरफ्तार किया गया था.
प्राधिकारियों ने उन पर रूसी सेना के बारे में भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है. इस अपराध में दोषी करार दिए जाने पर उन्हें 10 साल तक की जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है.
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