
Raj Mishra's Inspiring Journey: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के छोटे से गांव भटेहरा से निकले राज मिश्रा ने इंग्लैंड में इतिहास रच दिया है. 37 वर्षीय राज मिश्रा को इंग्लैंड के वेलिंगबरो टाउन का मेयर चुना गया है. वेलिंगबरो, जो नॉर्थ नॉर्थहैम्पटनशायर का एक ऐतिहासिक बाजार नगर है, वहां भारतीय मूल की आबादी महज 1% है. ऐसे में राज की जीत न सिर्फ बड़ी है, बल्कि गौरवपूर्ण भी. राज मिश्रा ने 6 साल पहले मिर्जापुर से लंदन की राह पकड़ी थी. वे वहां एमटेक करने गए थे. पढ़ाई के बाद उन्होंने यूके के डिफेंस मंत्रालय और बैंकिंग सेक्टर में काम किया. इस साल फरवरी में उन्होंने स्थानीय चुनाव लड़ने का फैसला किया और मार्च में कंजर्वेटिव पार्टी से जुड़ गए.
मई में वे काउंसलर चुने गए और 13 मई को वेलिंगबरो टाउन काउंसिल की सालाना बैठक में उन्हें पांचवां मेयर नियुक्त किया गया.
राज मिश्रा की सफलता की प्रेरणादायक कहानी
@aajtak @ndtv @ABPNews Here’s Introducing the Newly appointed Mayor of the Town Wellingborough, United Kingdom Mr. Raj Mishra india pic.twitter.com/0NjOoGDlDK
— Dr.Sarvesh Mishra (@srvmbbs48) May 15, 2025
गांव में जश्न का माहौल
राज की जीत की खबर जब उनके गांव भटेहरा पहुंची, तो वहां खुशी की लहर दौड़ गई. उनके पिता मुन्ना लाल मिश्रा ने मिठाई बांटी और लोगों ने उन्हें माला पहनाकर बधाई दी. मुन्ना लाल ने कहा, “राज मेरे नौ बेटों में से छठे हैं. जब वो लंदन पढ़ाई के लिए गया था, हमने सोचा था कि इंजीनियर बनेगा. लेकिन यह नहीं सोचा था कि वो राजनीति में जाएगा और एक दिन इंग्लैंड में मेयर बन जाएगा.”
मुन्ना लाल खुद किसान हैं, लेकिन उन्होंने अपने सभी बच्चों की पढ़ाई को प्राथमिकता दी. उनके परिवार में आज दो डॉक्टर, दो वकील, एक प्रिंसिपल और एक कृषि विशेषज्ञ हैं. अब मेयर राज मिश्रा के रूप में परिवार को एक नई पहचान और सम्मान मिला है.
राज का संघर्ष और समर्पण
राज मिश्रा ने कहा, "शुरुआत में मेरे लिए यह आसान नहीं था, क्योंकि पूरा इलाका मेरे लिए नया था. लेकिन मैंने मेहनत की और लोगों के साथ संबंध बनाए. आज मुझे खुशी है कि मैं वेलिंगबरो के नागरिकों की सेवा कर पा रहा हूं."
उन्होंने अपने चुनावी सफर को चुनौतीपूर्ण लेकिन प्रेरणादायक बताया. राज की पत्नी अभिषेका भी एक इंजीनियर हैं और वे दोनों अपनी दो बेटियों के साथ इंग्लैंड में रह रहे हैं. विजय के दिन वे पूरे परिवार के साथ जश्न मना रहे थे.
मेहनत और समर्पण से मिलती है मंजिल
राज मिश्रा की सफलता यह साबित करती है कि मेहनत और समर्पण से किसी भी मंजिल को पाया जा सकता है. गांव से लंदन तक का उनका सफर हर युवा के लिए प्रेरणा है कि सपने सीमाओं के मोहताज नहीं होते.