Pakistan Media Misinformation: फ्रांसीसी नौसेना ने पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स को बताया फर्जी, ऑपरेशन सिंदूर पर गलत जानकारी फैलाने का लगाया आरोप; भारत का किया सपोर्ट
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Pakistan Media Misinformation: फ्रांस की नेवी ने पाकिस्तान के एक मीडिया हाउस पर गलत और भ्रामक खबरें फैलाने का आरोप लगाया है. दावा किया गया था कि फ्रेंच नेवल कमांडर ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के साथ कथित एयर एंगेजमेंट पर ऐसा बयान दिया, जिससे पाकिस्तान की बढ़त साबित होती हो. फ्रेंच नेवी ने साफ कहा कि यह रिपोर्ट पूरी तरह झूठी है और इसमें अधिकारी के बयान और पहचान दोनों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया.

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पाकिस्तानी मीडिया की आलोचना

फ्रांस ने कहा बयान न मंजूर, न सही

ANI की सूचना के मुताबिक, पाकिस्तान के Geo TV ने एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसमें दावा किया गया कि फ्रांस के एक कमांडर ने पाकिस्तान के पक्ष की पुष्टि कर दी है. इस पर फ्रेंच नेवी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि रिपोर्ट में भारी गलत जानकारी डाली गई है. इतना ही नहीं, जिस अधिकारी का नाम रिपोर्ट में “जैक लॉने” लिखा गया, वह गलत है. असली नाम कैप्टन Yvan Launay है और उन्होंने किसी भी तरह की पब्लिकेशन की अनुमति नहीं दी थी. नेवी ने साफ किया कि बयान ना तो लिया गया और ना ही ऐसा कुछ कहा गया.

बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया कैप्टन का रोल  

फ्रेंच नेवी ने यह भी स्पष्ट किया कि कैप्टन लॉने सिर्फ लैंडिविसिउ स्थित नेवल एयर स्टेशन के कमांडर हैं, जहां राफेल मरीन एयरक्राफ्ट तैनात रहते हैं. उनका भारत-पाकिस्तान के सैन्य मामलों या ऑपरेशन सिंदूर से कोई संबंध नहीं है. पाकिस्तान की रिपोर्ट में उन्हें एक वरिष्ठ ऑपरेशनल अधिकारी की तरह पेश किया गया, जिसे फ्रांस ने पूरी तरह गलत बताया.

न शॉटडाउन की पुष्टि, न चीनी जेट्स का जिक्र

नेवी ने आगे कहा कि कैप्टन लॉने से जब भारत के ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने किसी भी भारतीय फाइटर जेट के गिराए जाने की बात की न पुष्टि की और न खंडन. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी चीनी J-10 जेट या चीन से जुड़ी किसी इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग तकनीक पर टिप्पणी नहीं की. फ्रेंच नेवी के अनुसार, पाकिस्तानी मीडिया ने खुद से बातें जोड़कर रिपोर्ट तैयार की है.

फ्रांस का दो टूक खबर पूरी तरह गढ़ी हुई

बयान के अंत में फ्रेंच नेवी ने कहा कि यह रिपोर्ट “भ्रामक, आधारहीन और गलत सूचना फैलाने वाली” है. इस घटना के बाद पाकिस्तान के इस दावे की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठ गए हैं. फ्रांस ने यह भी संकेत दिया कि वह इस तरह की गलत रिपोर्टिंग को लेकर अत्यंत गंभीर है.