मुजफ्फराबाद में लगे इमरान खान के खिलाफ 'गो नियाजी गो बैक' नारे, पुलिस ने छात्रों के खिलाफ दर्ज की FIR
इमरान खान के खिलाफ नारेबाजी ( फोटो क्रेडिट- Twitter/Facebook )

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने के मोदी सरकार के फैसले के बाद से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) बौखलाया हुआ है. इसी के चलते इमरान खान हर तरह से भारत पर दबाव बनाने में लगे हैं. लेकिन उनके हर मंसूबों पर पानी फिरता जा रहा है. कुछ ऐसा ही उस वक्त हुआ जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ( Imran Khan) भले ही कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ बयानबाजी करने मुजफ्फराबाद में शुक्रवार को पहुंचे थे. उसी समय इमरान खान के जलसा के ठीक पहले बड़ी संख्या में भीड़ ने 'गो नियाजी गो बैक' के नारे लगाए. जिसके बाद इमरान की सरकार ने नारेबाजी करने वाले यूथ और छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.

पाक सरकर की इस करतूत से पता चलता है कि वे अब किस कदर बौखला चुके हैं. बता दें कि नियाजी इमरान का उपनाम है. वहीं जलसा में कोई खास भीड़ नहीं रही, और आम लोग आयोजन से दूर रहे.  इससे पहले प्रशासन ने सरकारी अधिकारियों को लाकर वहां जगह भरने का काम किया. कुछ लोगों ने तो जलसा को एक फ्लॉप शो करार दिया. यहां तक कि गुरुवार को जब राष्ट्रपति आरिफ अल्वी संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे, विपक्षी दल के सदस्य इमरान को निशाना बनाकर 'गो नियाजी गो' के नारे लगाने लगे.

इमरान के नाम से जुड़ा नियाजी उपनाम पाकिस्तानियों को 1971 के युद्ध में भारत के हाथों शर्मनाक हार की याद ताजा करती है. पाकिस्तानी सेना के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर, लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने भारतीय सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने 16 दिसंबर, 1971 को अपने हथियार डाल दिए थे.

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गौरतलब हो कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को भारत द्वारा हटाने के बाद मामले में दखल देने की अपनी गुजारिश को खारिज किए जाने से निराश पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र और शक्तिशाली देशों की आलोचना की थी. और कहा है कि वे 'गूंगे और बहरे' हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (यूएनएचआरसी) को दिए गए 115 पन्नों के डोजियर में पाकिस्तान ने यह भी कहा था कि भारत ने अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस को 'पूरी तरह से अप्रासंगिक' बना दिया है ताकि उसे स्थायी रूप से दरकिनार किया जा सके. लेकिन इसके बाद भी उन्हें मुंह की खानी पड़ी थी.