अफगानिस्तान इन दिनों भीषण संघर्ष से गुजर रहा है. अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए तालिबान लगातार अफगानिस्तान के शहरों को अपने कब्जे में लेने के लिए आगे बढ़ रहा है. इस बीच भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सजग है और इसी के तहत भारत ने अफगानिस्तान में रह रहे अपने सभी नागरिकों को एक विशेष विमान के माध्यम से स्वदेश लौटने की पहल की है. अफगानिस्तान का चौथा सबसे बड़ा शहर फिलहाल तालिबान से लड़ाई लड़ रहा है.
शहरों का रुख कर रहे तालिबानी
दरअसल, अफगानिस्तान में तालिबान ने अब ग्रामीण इलाकों के बाद शहरों का रुख किया है. सोमवार को उसने मजार-ए-शरीफ का रुख किया. इस आतंकी संगठन ने नाटो सेनाओं की वापसी के बाद देश में अपने वर्चस्व स्थापित करने की लड़ाई तेज कर दी है.
भारतीयों के लिए जारी किया गया नंबर
भारत के वाणिज्य दूतावास के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से आज अपील जारी की गई. इसमें कहा गया कि एक विशेष विमान नई दिल्ली की ओर जा रहा है. कोई भारतीय मजार-ए-शरीफ में मौजूद है, तो संपर्क कर इस विमान से भारत आ सकता है. इसके लिए भारतीयों से उनका नाम, पासपोर्ट नम्बर और कुछ अन्य जानकारी व्हाट्सएप के माध्यम से देने को कहा गया है. यह भी पढ़ें : Himachal Pradesh: कोरोना ने फिर पकड़ी रफ्तार, सरकार ने बंद किए स्कूल- पर्यटकों की भी बढ़ सकती है मुश्किल
अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया में कतर निभा रहा प्रमुख भूमिका
बता दें कि अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में कतर प्रमुख भूमिका निभा रहा है. हाल ही में ईरान पहुंचे विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर की तेहरान में कई नेताओं के साथ अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर विचार-विमर्श किया था. दोनों देश तालिबान से उत्पन्न चुनौती का सामना करने के लिए परस्पर संपर्क में हैं. इसके बाद विदेश मंत्री की नई दिल्ली में कतर के विशेष दूत से भी मुलाकात हुई. इस मुलाकात के बारे में उन्होंने कहा कि कतर के राजनयिक को उन्होंने अफगानिस्तान के बारे में भारत के दृष्टिकोण की जानकारी दी. उन्होंने अफगानिस्तान के घटनाक्रम को लेकर विशेष दूत को भारत की चिंताओं से भी अवगत कराया. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि भारत एक शांतिपूर्ण और स्थायित्व वाला अफगानिस्तान चाहता है, जहां समाज के सभी वर्गों के हित सुरक्षित रहें.