प्रधानमंत्री इमरान खान को जिस बात का अंदेशा था, वही पाकिस्तान में होता दिख रहा है. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में रोजाना कमाकर खाने वाली बड़ी आबादी के सामने भुखमरी का संकट आ खड़ा हुआ है. सरकारी मदद से वंचित गरीब समुदाय के लोग अब देश में जगह-जगह सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनों में एक साथ भारी भीड़ के पहुंचने से लॉकडाउन में लोगों के बीच संपर्क नहीं होने का उद्देश्य भी नाकाम हो रहा है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब की राजधानी लाहौर में बड़ी संख्या में लोग गर्वनर हाउस पर पहुंच गए. गरीब परिवारों से ताल्लुक रखने वाले इन प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं जिनका कहना था कि अब उनके घरों में चूल्हा जलना मुश्किल हो गया है और भूखे रहने की नौबत आ गई है.
प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए और पंजाब के गवर्नर हाउस में घुसने की कोशिश की. इन लोगों का कहना था कि शहर में जगह-जगह वाहनों पर लगे लाउडस्पीकर से प्रचार किया गया कि गवर्नर हाउस की तरफ से गरीबों के बीच राशन बांटा जाएगा. इसकी शुरुआत सुबह आठ बजे होनी थी। वे लोग सुबह छह बजे से ही आकर लाइन में लग गए.
इन लोगों ने कहा कि लाइन में काफी देर तक लगे रहने के बाद उनसे यह कहा गया कि यहां से जाएं, राशन पुलिस स्टेशन के बाहर मिलेगा। खाली पेट दिन निकल गया और फिर बताया गया कि राशन यहां नहीं मिलेगा. इस पर नाराज लोगों ने गवर्नर हाउस के सामने नारेबाजी शुरू कर दी। बाद में पुलिस ने उन्हें वहां से हटाया. राशन न मिलने की शिकायत के साथ ऐसे ही प्रदर्शन पाकिस्तान में अन्य जगहों पर भी हुए हैं. देश के सबसे बड़े शहर कराची में ऐसे कई प्रदर्शनों की खबर मिली है.
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि सिध में भी लॉकडाउन के कारण रोज कमाकर खाने वाले मजदूर वर्ग के सामने भुखमरी का संकट पैदा हो गया है. सिध की सरकार अभी तक यह कार्ययोजना ही नहीं बना सकी है कि गरीबों तक राशन कैसे पहुंचाया जाए. 'दुनिया न्यूज' की रिपोर्ट में कहा गया है कि कराची में भी लॉकडाउन का सख्ती से पालन हो रहा है, किसी को बाहर नहीं निकले दिया जा रहा है लेकिन कुछ दिन पहले कराची के कोरंगी इलाके में उपायुक्त के दफ्तर पर आम गरीब परिवारों ने धावा बोल दिया और जमकर प्रदर्शन किया. इसी तरह शहर के लयारी इलाके में भी लोगों ने प्रदर्शन किया है.
रिपोर्ट में स्थानीय निकाय प्रतिनिधियों के हवाले से कहा गया है कि लोगों ने अब उपायुक्तों के दफ्तरों का घेराव शुरू कर दिया है. अगर जल्द ही इन लोगों तक खाने-पीने का सामान नहीं पहुंचा तो स्थिति विस्फोटक हो सकती है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री इमरान खान इस बात का अंदेशा जताते रहे हैं कि लॉकडाउन के कारण देश में विशेष रूप से गरीब तबकों में भुखमरी का संकट पैदा हो सकता है.