कोरोना वायरस से वुहान में 42 हजार लोगों के मरने की आशंका, क्या चीन ने छुपाया सच?
कोरोना वायरस का कहर (Photo Credits: AFP)

बीजिंग: कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप थमने के बाद चीन (China) के वुहान (Wuhan) शहर से दो महीने के बाद लॉकडाउन हटाया गया. इस महामारी का उत्पति स्थल और 1.1 करोड़ जनसंख्या वाला शहर वुहान ने पिछले कुछ महीनों में बहुत भयंकर स्थिति का सामना किया है. हालांकि चीन का दावा है कि वुहान में इस जानलेवा वायरस से तीन हजार से अधिक लोगों की जान गई है. लेकिन चीन के इस दावे पर स्‍थानीय लोगों ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यहां पर कम से कम 42 हजार लोगों की कोविड-19 से संक्रमित होने से मौत हुई है.

एक रिपोर्ट में स्थानीय निवासियों के हवाले से बताया गया है कि वुहान के सात बड़े अंतिम संस्कार घर पिछले हफ्ते से प्रति दिन अंतिम संस्कार किए गए 500 व्यक्तियों के अवशेष उनके परिजनों को सौंप रहे है. 23 मार्च से शुरू हुई इस प्रक्रिया से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरना वायरस के कारण वुहान शहर में 42,000 से अधिक लोग मारे गए. अमेरिका के साथ कोरोना वायरस पर डेटा साझा करेगा चीन

समाचार वेबसाइट Caixin.com की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक दिन में अकेले हांकौ फ्यूनरल होम (Hankou Funeral Home) 5,000 कलश परिजनों को सौंप रहा है. जो कि चीनी अधिकारियों द्वारा बताए गए मौत के आंकड़े के करीब दोगुनी है. जबकि सोशल मीडिया यूजर्स का अनुमान है कि वुहान के सभी सात अंतिम संस्कार घर हर दिन कुल मिलाकर 3,500 कलश सौंप रहे है.

वुहान के एक स्थानीय निवासी ने बताया कि प्चीरशासन ने शहर में जो मौत का आंकड़ा बताया है वह सही नहं हो सकता, क्योकि अंतिम संस्कार करने वाले 24 घंटे काम कर रहे हैं. अगर इतनी कम मौत हुई होती तो लाशों को जलने वाले इतना काम क्यों करेंगे. जबकि एक अन्य ने कहा कि शायद अधिकारी धीरे-धीरे मौतों का सही आंकड़ा जारी करेंगे. जिससे लोगों वास्‍तविकता को आसानी से स्‍वीकार लें.

उल्लेखनीय है कि वुहान शहर में जनवरी में लॉकडाउन लगाया गया था और वहां के बाशिंदों को शहर छोड़ने पर रोक लगा दी गयी थी. इस दौरान ना किसी को बाहर से शहर में आने की इजाजत थी और ना ही जाने की. साथ ही रोजमर्रा की जिंदगी पर भी कड़ी बंदिशें लगाई गई थी.