भारत और अफगानिस्तान के बाद अब बांग्लादेश (Bangladesh) ने भी पाकिस्तान (Pakistan) पर अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और अशांति पैदा करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है. बांग्लादेश ने पाकिस्तान के अल खिदमत फाउंडेशन पर आरोप लगाया कि वह इस हफ्ते चिट्टागोंग क्षेत्र में रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए एक विशाल रैली आयोजित कर रहा है. ET की रिपोर्ट के अनुसार अल खिदमत फाउंडेशन (Al Khidmat Foundation) पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस द्वारा समर्थित है साथ ही इस संस्था ने अतीत में अलकायदा का भी समर्थन किया था.
ET की रिपोर्ट के अनुसार रविवार को कॉक्स बाजार के एक शिविर में हुई रैली में 200,000 से अधिक रोहिंग्याओं ने भाग लिया था. यह बांग्लादेश में अब तक की सबसे बड़ी रोहिंग्या रैली थी. अल खिदमत फाउंडेशन ने कथित तौर पर इस रैली के आयोजन के लिए धन मुहैया कराया था, यहां तक कि स्थानीय अधिकारियों ने बांग्लादेश में इसकी नींव के बढ़ते नेटवर्क की जांच भी की.
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अल खिदमत फाउंडेशन पर आतंकवाद फैलाने का आरोप-
अल खिदमत फाउंडेशन बांग्लादेश के जमात-ए-इस्लामी से जुड़ा हुआ है. बता दें कि जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश की प्रतिबंधित संस्था है. दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों में इसका प्रसार है. ET ने अपनी रिपोर्ट बताया कि कि एक व्यक्ति ने अपनी पहचान जारी न करने की शर्त पर कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश की शांति भंग करने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान रोहिंग्या शरणार्थियों को आतंकवाद के लिए प्रशिक्षण दे रहा है.
सूत्रों ने मीडिया को बताया है कि पाक्सितान बंगलादेश में भी आतंक फैलाने के लिए काम कर रहा है. बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में इस वक्त हजारों की तादाद में रोहिंग्या शरणार्थी मौजूद हैं. इन रोहिंग्या शरणार्थियों को भारत के खिलाफ आतंक के रास्ते पर लाने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI, बांग्लादेश में सक्रिय जैश स्लीपर सेल के जरिए बरगलाने का प्रयास कर रही है. इतना ही नहीं धर्म के नाम पर भी बांग्लादेशी शरणार्थियों के मन में जहर भरा जा रहा है. बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत काम कर रही है. रोहिंग्या इस समय बांग्लादेश और भारत दोनों के लिए चिंता का विषय बं कर उभर रहे हैं.