बाकू, 14 दिसंबर : अजरबैजान (Azerbaijan) और अर्मेनिया (Armenia) ने एक दूसरे पर विवादित क्षेत्र में संघर्ष विराम का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि नागोर्नो-करबाख में इसके चलते कई लोग मारे गए हैं. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में संघर्ष विराम के लिए सहमत होने के बाद रविवार को ये आरोप लगाए गए हैं.
अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय और सुरक्षा सेवा ने एक संयुक्त बयान में कहा कि अर्मेनियाई सैनिकों ने 26 नवंबर और 8 दिसंबर के बीच हदरुत में दो बार अजरबैजान के सैनिकों पर हमला किया, जिसके कारण 4 सैनिकों की मौत हो गई. हमले में एक नागरिक और दो सैनिक घायल भी हुए हैं. इस बीच अर्मेनिया के विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि 11 दिसंबर को हदरुत में अजरबैजान के विशेष बलों के हमले ने 6 अर्मेनियाई सैनिकों को घायल कर दिया. यह भी पढ़ें : America: 70 साल में पहली बार किसी महिला को मिली डेथ पेनाल्टी, घातक इंजेक्शन लगाकर दी जाएगी मौत की सजा
रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक दिन पहले ही संघर्ष विराम के उल्लंघन की सूचना दी थी, लेकिन उसने यह नहीं बताया कि किस पक्ष ने पहले हमला किया. नागोर्नो-करबाख में दोनों देशों के बीच सशस्त्र झड़पें 10 नवंबर को तब रुकी थीं जब अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव, अर्मेनियाई प्रधानमंत्री निकोलस पशिनयान और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संयुक्त रूप से बयान जारी करके पूर्ण संघर्ष विराम के लिए सहमति व्यक्त की थी. इस समझौते के कारण नागोर्नो-करबाख पर 6 हफ्ते तक चले संघर्ष के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में हजारों रूसी शांति सैनिकों की तैनाती की गई थी. कथित तौर पर इनमें से हजारों लोग मारे गए और इससे ज्यादा विस्थापित हुए. यह भी पढ़ें : America: निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने कमला हैरिस को भारतीय के बजाय ‘दक्षिण एशियाई’ कहना पसंद किया
पिछले महीने के बाद से यह चौथा संघर्ष विराम है. 3 में से 2 संघर्ष विराम रूस द्वारा मध्यस्थता के बाद ज्यादा दिन चल नहीं पाए थे. इस क्षेत्र ने 2014 की गर्मियों, 2016 के अप्रैल महीने और इस साल जुलाई में भयावह हिंसा झेली है. आर्मेनिया और अजरबैजान के इस क्षेत्र में 1988 से 94 तक युद्ध होते रहे, आखिर में युद्ध विराम की घोषणा की गई लेकिन कभी भी मामला समझौते पर नहीं पहुंच पाया.