
आज की सारी खबरें एक साथ, एक जगह. यहां हम आपके लिए लाए हैं दिनभर की ताजा अपडेट, लगातार. बने रहें हमारे साथ.- थामे गए वक्फ कानून के कई प्रावधान
- यौन शोषण के आरोपों के बाद जेएनयू प्रोफेसर पर कार्रवाई
- ट्रंप ने दिया चीन पर लगे टैरिफ घटाने का संकेत
जेएनयू प्रोफेसर यौन उत्पीड़न के आरोप में बर्खास्त
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने इंटरनेशनल स्ट्डीज स्कूल के प्रोफेसर स्वर्ण सिंह को यौन दुर्व्यवहार के आरोपों के चलते बर्खास्त कर दिया है. यह फैसला बुधवार को विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक में लिया गया.
इंडियन एक्सप्रेस अखबार के अनुसार, जापानी दूतावास की एक महिला अधिकारी ने प्रोफेसर सिंह के खिलाफ विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने विश्वविद्यालय के आयोजनों में समन्वय को लेकर प्रोफेसर से लगातार संपर्क में रहने के दौरान हुए आपत्तिजनक व्यवहार की शिकायत की और बातचीत की रिकॉर्डिंग को सबतू के तौर पर पेश किया.
परिषद की जांच के बाद सर्वसम्मति से सिंह की सेवाएं समाप्त करने का फैसला लिया गया. बताया जा रहा है कि प्रोफेसर स्वर्ण सिंह की रिटायरमेंट में बस एक साल बाकी था. हालांकि यूनिवर्सिटी ने अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.
आईएमएफ ने की भारत की तारीफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार से जुड़ी शिकायतें भले ही वास्तविक हों, लेकिन दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को अब अनिश्चितता को कम कर एक निष्पक्ष और नियम-आधारित व्यापार प्रणाली की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.
आगामी आईएमएफ और विश्व बैंक की बैठकों से पहले वॉशिंगटन में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए जॉर्जीवा ने भारत द्वारा व्यापार बाधाओं को कम करने के फैसले की सराहना की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर चल रही बातचीत के बीच यूरोप में भी कुछ व्यापार शुल्क कम हो सकते हैं.
उन्होंने सीधे तौर पर ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीतियों की आलोचना नहीं की, लेकिन यह जरूर कहा कि टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाएं वैश्विक व्यापार प्रणाली में असंतुलन की धारणा को बढ़ावा दे रही हैं. उन्होंने कहा, "कुछ देशों में यह भावना गहराई है कि वे नियमों का पालन करते हैं, जबकि अन्य देश बिना सजा भुगते सिस्टम का गलत फायदा उठाते हैं."
उन्होंने माना कि अमेरिका को चीन की बौद्धिक संपदा नीतियों और गैर-टैरिफ बाधाओं को लेकर आपत्तियां हैं, जबकि चीन चाहता है कि अमेरिका उसके साथ गंभीर व्यापारिक साझेदारी करे. भारत को लेकर उन्होंने कहा कि पहले वहां टैरिफ घटाने को लेकर झिझक थी, लेकिन अब भारत ने व्यापार बाधाएं कम करनी शुरू कर दी हैं, जो उसकी आर्थिक वृद्धि के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.
वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, केंद्र सरकार ने दी राहत की गारंटी
वक्फ (संशोधन) कानून, 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट की आपत्ति के एक दिन बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार को कोर्ट को आश्वासन दिया कि अगली सुनवाई (5 मई) तक न तो वक्फ बोर्ड में कोई नियुक्ति की जाएगी और न ही किसी वक्फ संपत्ति के स्वरूप में कोई बदलाव किया जाएगा. इसमें 'वक्फ-बाई-यूजर' भी शामिल है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के इस बयान को रिकॉर्ड में लेते हुए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने कहा, "यह स्पष्ट किया गया है कि अगली सुनवाई तक किसी भी वक्फ, चाहे वह नोटिफिकेशन या रजिस्ट्रेशन के जरिए घोषित हो, को डीनोटिफाई नहीं किया जाएगा और न ही उसकी प्रकृति या दर्जे में कोई बदलाव किया जाएगा."
कोर्ट ने वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति के मुद्दे पर भी सख्त रुख अपनाया. तुषार मेहता ने भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार अगली सुनवाई तक कोई नियुक्ति नहीं करेगी और अगर किसी राज्य सरकार ने ऐसी कोई नियुक्ति की, तो उसे अवैध घोषित किया जा सकता है.