Afghanistan Crisis: राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद तालिबान के डर से काबुल छोड़कर भाग रहे लोग, एयरपोर्ट के साथ ही सड़को पर मचा कोहराम
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के रविवार को देश छोड़कर भाग गए. उनके देश छोड़ने को लेकर अफगानिस्तान के अधिकारियों ने पुष्टि भी की गई. वहीं अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद लोग तालिबान के डर से खासकर काबुल से पलायन कर रहे हैं. एयरपोर्ट से लेकर सड़कों पर कोहराम मचा हुआ हैं.
Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में तालिबानियों के विद्रोह के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी (President Ashraf Ghani) रविवार को देश छोड़कर भाग गए. मीडिया के हवाले से खबर है कि ताजिकिस्तान में पनाह लिए हुए हैं. गनी के देश छोड़ने के बाद तालिबान कमांडरों ने अफगान राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है. राष्ट्रपति गनी के देश छोड़ने के बाद लोग तालिबान के डर से काबुल से पलायन कर रहे हैं. एयरपोर्ट से लेकर सड़कों तक कोहराम मचा हुआ हैं. लोगों की कोशिश है कि कैसे वे यहां से निकलकर किसी सुरक्षित जगह जल्द से जल्द पहुंच सकें.
खबरों के अनुसार काबुल के इंटर नेशन एयरपोर्ट (International Airport) की सड़क हजारों लोगों से भरी हुई है जो देश छोड़ने के लिए दौड़ रहे हैं. हजारों अन्य लोग राजधानी के एकमात्र पासपोर्ट कार्यालय के बाहर लंबी कतारों में लोग खड़े हैं, जो यात्रा दस्तावेजों को सुरक्षित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. यह भी पढ़े: Afghanistan Crisis: पाकिस्तान ने कहा, अफगानिस्तान के हालात पर नजर बनाए है
राष्ट्रपति गनी के भारत छोड़ने को लेकर अफगान राष्ट्रीय सुलह परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला (Abdullah Abdullah) ने एक ऑनलाइन वीडियो जारी कर कहा कि गनी देश से बाहर चले गए हैं. गनी कठिन समय में अफगानिस्तान छोड़ दिया, ईश्वर उन्हें जवाबदेह ठहराएं.’’ नागरिक इस भय को लेकर देश छोड़कर जाना चाहते हैं कि तालिबान उस क्रूर शासन को फिर से लागू कर सकता है. जिसमें महिलाओं के अधिकार खत्म हो जाएंगे.
इस बीच तालिबान ने रविवार को राजधानी काबुल में प्रवेश किया और यह घोषणा करने को है कि उन्होंने देश पर कब्जा कर लिया है और अब यह अफगानिस्तान का इस्लामिक अमीरात है. प्रेस एसोसिएशन ने एक तालिबान अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी, द गार्जियन ने बताया कि यह घोषणा अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर चले जाने के बाद काबुल में राष्ट्रपति भवन से किए जाने की उम्मीद है.
स्थानीय पत्रकार बिलाल सरवरी के अनुसार, उन्होंने सीधी बातचीत में शामिल दो अफगानों से बात की, समझौते का एक हिस्सा यह था कि गनी महल के अंदर सत्ता परिवर्तन समारोह में शामिल होंगे, लेकिन इसके बजाय उन्होंने और उनके वरिष्ठ सहयोगियों ने देश छोड़ दिया. (इनपुट एजेंसी के साथ)