England: इंग्लैंड के एक फ्लैट में तीन साल तक मृत पड़ी एक महिला का शव मिला है, जो बहरी थी और स्किजोफ्रेनिया नाम की बीमारी से पीड़ित थी. उनकी ममी जैसी हालत में तब तक कोई खबर नहीं ली गई, जब तक कि उनके भाई ने 21 मई 2021 को उनका कंकाल जैसा शरीर बरामद नहीं किया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, लौरा के फ्लैट में मिली एक पुरानी डायरी के पन्नों ने उनके अंतिम समय की दर्दनाक तस्वीर बयां की. इसमें लिखा था, "काश मैंने चावल खरीदे होते... सपने में भी खाने के बारे में सोचती हूं. वैसे भी, मुझे भूख लगी है." 15 सितंबर 2017 के इस डायरी के पन्ने के बाद, कई भोजन की रेसिपीज भी लिखी मिलीं.
28 सितंबर की एक एंट्री में उन्होंने लिखा, "मेरा मोबाइल 7 सितंबर को बंद हो गया. मैंने उससे पहले ही टेस्को से थोड़ा सामान मंगवा लिया था. मैंने हफ्तों तक बस सोते हुए समय बिताया. मैंने कई महीनों से कोई खाने का सामान नहीं लिया क्योंकि मुझे नहीं पता की मेरे साथ क्या हो रहा है."
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लौरा की बहन निकोला ने जांच के दौरान बताया कि मेरी बहन ने 2009 में आखिरी बार अपने परिवार से मुलाकात की थी. उसके बाद, 2014 में परिवार से सभी संपर्क तोड़ लिए थे. मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रही लौरा का कहना था कि परिवार से दूर रहना ही उनके लिए सही होगा. लौरा की बहन निकोला और भाई ने 2021 में उनकी तबीयत को लेकर चिंता जताई. इसके बाद उन्होंने अपनी बहन लौरा से बातचीत करने की कोशिश की. जब लौरा ने कोई जवाब नहीं दिया तो वे पुलिस की मदद से फ्लैट में दाखिल हुए. लेकिन जब वे फ्लैट के अंदर पहुंचे तो उन्हें वहां लौरा का ममी जैसा सूखा और कंकाल में तब्दील शरीर मिला.
लौरा की मौत की सटीक वजह का पता नहीं चल सका है. पोस्टमॉर्टम के बाद भी मौत का कारण 'अनिश्चित' ही बताया गया. इस घटना से साफ होता है कि समाज और प्रशासन की असंवेदनशीलता के कारण मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे कई लोगों की ज़िंदगी अनदेखी रह जाती है.
स्किजोफ्रेनिया बीमारी क्या है?
स्किजोफ्रेनिया (Schizophrenia) एक गंभीर मानसिक बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की सोच, भावनाएं और व्यवहार प्रभावित होते हैं. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति अक्सर वास्तविकता से दूर होने लगता है और उसे भ्रम (delusions) और मृगतृष्णा (hallucinations) का अनुभव हो सकता है. स्किजोफ्रेनिया का असर व्यक्ति की जीवनशैली, सामाजिक संबंधों और कामकाज की क्षमता पर पड़ता है.