Brussels Protest: अनुमानित 16,500 लोग ब्रसेल्स की सड़कों पर ऊर्जा की बढ़ती लागत से निपटने के लिए अधिक वेतन की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने 1996 के वेज मार्जिन एक्ट की भी निंदा की, जो अधिकतम औसत वेतन वृद्धि पर बातचीत करने के लिए एक सख्त प्रक्रिया स्थापित करता है. विरोध-प्रदर्शन के कारण शुक्रवार को बेल्जियम की राजधानी शहर का पूरा सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क बाधित हो गया. ब्रसेल्स एयरपोर्ट में प्रदर्शन का असर कम दिखाई दिया, लेकिन 60 फीसदी उड़ानें पहले ही रद्द कर दी गई थीं.
More than 16,000 people took to the streets of Brussels to protest against the high cost of living amid soaring gas and electricity prices. pic.twitter.com/JWJdX7yZJH
— DW News (@dwnews) December 16, 2022
बेल्जियम के जनरल लेबर फेडरेशन (एफजीटीबी) के अध्यक्ष थिएरी बोडसन ने कहा, हमें ऊर्जा की कीमतों को रोकना चाहिए न कि मजदूरी को. चूंकि यूरोप ऊर्जा की कीमतों को अवरुद्ध करने में सक्षम नहीं है, यह बेल्जियम के स्तर पर है कि वह इसे जल्दी, बहुत जल्दी करे. सीएससी ट्रेड यूनियन के महासचिव मैरी-हेलेन स्का के लिए, सबसे महत्वपूर्ण चुनौती मजदूरी पर बातचीत करने की बुनियादी स्वतंत्रता है. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने बेल्जियम से कहा है कि 1996 का कानून बातचीत की स्वतंत्रता के विपरीत है.
बोडसन ने कहा, पिछले दो वर्षों में, सामान्य ट्रेड यूनियन फ्रंट (सीएससी, एफजीटीबी, सीजीएसएलबी) सफलता के बिना इस कानून के खिलाफ लड़ रहा है. सेक्टा (कर्मचारियों, तकनीशियनों और प्रबंधकों के संघ) के महासचिव मिशेल कैपोन के अनुसार, ऊर्जा की बढ़ती लागत से निपटने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय पर्याप्त नहीं हैं, क्योंकि उनमें समय सीमा काफी कम हैं. बोडसन ने कहा, मुझे लगता है कि सरकार को लंबे समय तक कड़े कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने कहा, हमारा ²ढ़ संकल्प नहीं रुकेगा. 2023 में आगे की कार्रवाई की योजना के साथ लड़ाई जारी रहेगी.