आपके स्मार्ट फोन का कैमरा और फ्लैश अब घर बैठे रक्त और ऑक्सीजन का स्तर माप सकता है! जानें शोध की पूरी रिपोर्ट?
स्मार्टफोन/प्रतीकामत्क तस्वीर (Photo Credits: IANS)

अब आपका स्मार्ट फोन केवल सेल्फी, ऑनलाइन बैंकिंग, मैप अथवा सोशल मीडिया आदि तक सीमित नहीं रहा, हालिया शोधों की रिपोर्ट बताती है कि हमारे स्मार्ट फोन के कैमरे और फ्लैश से व्यक्ति विशेष के ब्लड ऑक्सीजन के स्तर की भी जांच की जा सकती है. यानी अब अलग से ऑक्सीमीटर खरीदने की जरूरत नहीं रही. अमेरिका स्थित कैलिफोर्निया एवं वाशिंगटन विश्वविद्यालय में हुए शोध के मुताबिक हमारा स्मार्टफोन 70 प्रतिशत तक ब्लड ऑक्सीजन सैचुरेशन स्तर पता लगाने में सक्षम है. शोधार्थियों के अनुसार इसके लिए एक अलग डिवाइस का प्रयोग किया जाता है, जिसे ब्लड ऑक्सीमीटर कहते हैं. कहा जाता है कि शोधार्थियों की टीम ने कुछ लोगों को एक स्मार्टफोन के कैमरा और फ्लैश के ऊपर उंगली रखने को कहा, तथा उनके ब्लड ऑक्सीजन स्तर को बाहरी के माध्यम से पाया कि स्मार्टफोन भी बदला हुआ स्तर दिखा रहा था. यह भी पढ़ें: Telegram Copyright Violence: टेलीग्राम यूजर्स ने कॉपीराइट का किया उल्लंघन, दिल्ली HC ने जारी किया समन

अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय एवं कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के सैन डिएगो के शोधकर्ताओं ने एक शोध के जरिये बताया है कि एक स्मार्टफोन कम से कम 70 प्रतिशत तक संतृप्त रक्त ऑक्सीजन की जांच करने में सक्षम होता है. जैसा कि यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा अनुशंसित है.

यह थी जांच की प्रक्रिया

इस तकनीक के तहत व्यक्ति को स्मार्टफोन के कैमरे और फ्लैश पर अपनी उंगली रखनी होती है, जो रक्त ऑक्सीजन के स्तर को समझने के लिए एक गहन शिक्षण एल्गोरिदम (Deep-learning algorithm) का उपयोग करता है. जब शोधकर्ताओं की टीम ने नाइट्रोजन और ऑक्सीजन का एक नियंत्रित मिश्रण 6 लोगों को उनके रक्त ऑक्सीजन के स्तर को कृत्रिम से नीचे लाने के लिए दिया तो स्मार्टफोन ने सही भविष्यवाणी की कि अमुक व्यक्ति की जांच के दौरान 80 प्रतिशत समय तक ऑक्सीजन का स्तर कम था.

वाशिंगटन विश्वविद्यालय के सह-प्रमुख लेखक जेसन हॉफमैन के अनुसार, ऐसा करने वाले अन्य स्मार्टफोन ऐप लोगों को कुछ देर के लिए अपनी सांस रोकने के लिए कहते थे, इससे लोग असहज हो जाते हैं, क्योंकि एक-एक मिनट के बाद वे सांस लेने के लिए मजबूर होते थे, हॉफमैन ने एनपीजे डिजिटल मेडिसिन में प्रकाशित एक लेख के माध्यम से बताया कि, हमारे परीक्षण के साथ, हम प्रत्येक विषय से 15 मिनट का डेटा एकत्र करने में सक्षम हैं. इन डेटा से पता चलता है कि ये स्मार्टफोन क्लीनिकल सीमा में अच्छी तरह से काम कर सकते हैं.

छह प्रतिभागियों पर की गई जांच

एल्गोरिदम की जांच और टेस्टिंग के लिए डेटा एकत्र करने के लिए शोधकर्ताओं ने 20 से 34 वर्ष की आयु वाले छह प्रतिभागियों (3 महिला और 3 पुरुष) एक स्टैंडर्ड पल्स ऑक्सीमीटर एक उंगली में पहनाई, और उसी हाथ की एक उंगली को स्मार्टफोन के कैमरे और फ्लैश पर रखने के लिए कहा. कैमरा एक वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था, कि हर बार जब आपका दिल धड़कता है, ताजा रक्त फ्लैश द्वारा प्रकाशित हिस्से के माध्यम से प्रसार करता है. ऑक्सीजन के स्तर को क्रमशः कम करने के लिए प्रत्येक प्रतिभागियों ने ऑक्सीजन और नाइट्रोजन नियंत्रित मिश्रण में सांस ली. इस प्रक्रिया में करीब 15 मिनट लगे. सभी 6 प्रतिभागियों के लिए, टीम ने 61% और 100% के बीच 10,000 से अधिक रक्त ऑक्सीजन स्तर रीडिंग प्राप्त की.

शोधकर्ताओं ने रक्त ऑक्सीजन का स्तर जानने के लिए गहन शिक्षण एल्गोरिदम को प्रशिक्षित करने के लिए चार प्रतिभागियों के डेटा का उपयोग किया. शेष डेटा का उपयोग विधि को मान्य करने के लिए किया गया था और फिर यह देखने के लिए परीक्षण किया गया था कि यह नए विषयों पर कितना अच्छा प्रदर्शन किया है.