वॉट्सऐप की नई पॉलिसी के आगे सिग्नल कितना सुरक्षित! FAQ सेक्शन में दिया स्पष्टीकरण
प्रत्तिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

आगामी 8 फरवरी से व्हाट्सऐप की शर्तों में बदलाव होने जा रहा है. इन नई शर्तों को समूचे विश्व में (जहाँ व्हाट्सऐप चलाया जाता है ) लागू किया जायेगा. इन नई शर्तों के मुताबिक कंपनी उपयोगकर्ता के यूजर आईडी, फोन नंबर, ईमेल आईडी और मोबाइल से होने वाले सभी लेनदेन, यहां तक की लोकेशन की जानकारी ले सकती है. व्हाट्सऐप उपयोगकर्ता के मोबाइल से ली गई जानकारियों को वो फेसबुक और इंस्टाग्राम के साथ शेयर कर सकती है। व्हाट्सऐप ने इस संदर्भ में अपना स्पष्टीकरण दे दिया है.

वेबसाइट के FAQ सेक्शन में नई शर्तों और डाटा को लेकर व्हाट्सऐप ने कहा,"हम फेसबुक के साथ आपकी कॉन्टैक्ट लिस्ट शेयर नहीं करते: आपकी अनुमति के बाद ही हम आपके फ़ोन की एड्रेस-बुक से सिर्फ़ फ़ोन नंबर ऐक्सेस करते हैं, ताकि आप अपने संपर्कों (कॉन्टैक्ट्स) के साथ आसानी से बातचीत कर सकें. हम आपकी यह जानकारी फेसबुक के दूसरे ऐप्स के साथ शेयर नहीं करते". यह भी पढ़ें-WhatsApp के विरोध के बीच बढ़ी Telegram की लगी लॉटरी, 72 घंटे में 25 मिलियन बढ़े यूजर्स

कहाँ-कहाँ सुरक्षित हैं मैसेज?

निजता की दृष्टि से देखा जाये, तो सिग्नल, थ्रीमा, और वायर के अलावा अन्य किसी भी मल्टीमीडिया /मैसेजिंग /वीडियो चैट एप्लीकेशन ऐप में ना तो उपयोगकर्ता के मैसेज सुरक्षित रहते हैं और ना ही उनके द्वारा भेजे गये अटैचमेंट्स. हालांकि कुछ कंपनियां (जैसे व्हाट्सऐप) सुरक्षा के दृष्टिकोण से एंड टू एंड एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल करती हैं. थ्रीमा, वायर, और सिग्नल दावा करते हैं कि इन ऐप्स में उपयोगकर्ता द्वारा भेजे गए मैसेज और अटैचमेंटस पूरी तरह से सुरक्षित हैं.

कंपनी के अधिकार क्षेत्र में अमेरिका का दबदबा.

व्हाट्सऐप, टेलीग्राम, स्काइप, मैसेंजर, ऐलो, वाइबर, और आई-मैसेज अमेरिका के अधिकार क्षेत्रों वाली कंपनियां हैं। इन सभी पर सिर्फ अमेरिका द्वारा बनाये गए नियम-कानून लागू होते हैं। थ्रीमा और वायर स्विट्ज़रलेंड के अधिकार क्षेत्र वाली कंपनियां हैं, इन दोनों पर भी इनके राष्ट्र द्वारा बनाये गए नियम कानून लागू होते हैं.

फंडिंग के स्रोत अलग-अलग, लेकिन कार्यशैली एक जैसी.

एक तरफ जहाँ व्हाट्सऐप और मैसेन्जर की फंडिंग फेसबुक के द्वारा होती है, तो वहीं टेलीग्राम की फंडिंग रुसी उद्योगपति पावेल डुरोव द्वारा की जाती है। वीडियो कॉलिंग ऐप स्काइप की फंडिंग को माइक्रोसॉफ्ट देखता है. आई-मैसेज की फंडिंग एप्पल, और ऐलो की फंडिंग गूगल द्वारा की जाती है. रायट की फंडिंग न्यू वेक्टर लिमिटेड द्वारा की जाती है, वहीं थ्रीमा की फंडिंग उपभोक्ताओं के द्वारा दिए जाने वाले पैसे से की जाती है।

व्हाट्सऐप के मुकाबले सिग्नल कितना सुरक्षित?

सिगनल, व्हाट्सएप के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है, क्योंकि व्हाट्सएप के सिर्फ मैसेज और कॉल ही एंड टू एंड एंक्रिप्टेड होते हैं, जबकि Signal का मेटा डाटा भी एंड टू एंड एंक्रिप्टेड है। ऐप स्टोर पर दी गई जानकारी के मुताबिक सिग्नल एप अपने यूजर्स का कोई भी डाटा स्टोर नहीं करता है। सिग्नल एप सिर्फ कॉन्टेक्ट नंबर यानी आपका मोबाइल नंबर लेता है, क्योंकि इसी के जरिए आपका सिग्नल अकाउंट ओपन होता है। स्काइप, टेलीग्राम, व्हाट्सऐप, और आई मैसेज के ऐप उपभोगता का डाटा स्टोर करते हैं। इसी डेटा का इस्तेमाल इनकी कंपनियां भी करती हैं।

रॉइट, सिग्नल, और वायर, थ्रीमा, और विकर के स्वामित्व वाली कंपनियां उपयोगकर्ता का डाटा एकत्रित नहीं करती हैं। यही नहीं, विकर और थ्रीमा के ऐप भी उपभोगता का डाटा स्टोर नहीं करते हैं। हालांकि सिग्नल, रायट, और वायर के ऐप उपयोगकर्ता का न्यूनतम डाटा एकत्रित करते हैं।

अधिकतर कंपनियां देती हैं पारदर्शिता रिपोर्ट.

पारदर्शिता रिपोर्ट देने में ज्यादातर कंपनियां एकदम स्पष्ट हैं। रायट, टेलीग्राम, और वाइबर को छोड़कर लगभग सभी कम्पनियाँ अपने-अपने ऐप की पारदर्शिता रिपोर्ट उपलब्ध कराती हैं। ये रिपोर्ट्स कई कंपनियां प्लेस्टोर पर भी उपलब्ध कराती हैं। तो कुछ कम्पनियाँ अपनी वेबसाइटों, और इनके द्वारा उत्पादित ऐप्स पर भी रहती है.

ग्राहकों की निजता के सवाल पर कंपनी का रवैया?

कई डिजिटल एक्सपर्ट्स की माने तो ग्राहकों की निजता के सवाल पर अधिकतर कंपनियों का रवैया संतोषजनक नहीं है. व्हाट्सऐप, टेलीग्राम, स्काइप, मैसेन्जर, और आई-मैसेज के स्वामित्व वाली कंपनियां इन मामलों में थोड़ी ढिलाई देती हैं, जबकि रायट, सिग्नल, थ्रीमा, वायर, और विकर को इस श्रेणी में बाकी ऐप्स के मुकाबले थोड़ा मजबूत माना जाता है। भारतीय डिजिटल एक्सपर्ट्स की माने तो उपयोगकर्ताओं का ध्यान अब प्राइवेसी पॉलिसीज पर भी जाता है, वे जानना चाहते हैं कि कौन सा ऐप उनका किस प्रकार का डेटा एकत्रित कर रहा है। यही नहीं, उस डेटा का इस्तेमाल कंपनी किस प्रकार से कब-कब करेगी, इसके बारे में भी उपयोगकर्ता जानना चाहते हैं".

व्हाट्सऐप ने दिया स्पष्टीकरण.

फेसबुक के मालिकाना हक वाले सोशल मैसेजिंग प्लेटफार्म व्हाट्सएप को अपने नए अपडेट पर उठे विवाद के बाद स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा है. कंपनी ने शनिवार को कहा कि नए अपडेट से उसके यूजर्स के निजी चैट की गोपनीयता भंग नहीं होगी. व्हाट्सएप ने दावा किया कि नए अपडेट से उसके और फेसबुक के बीच डाटा शेयरिंग प्रक्रिया में जरा भी बदलाव नहीं होने जा रहा है.

व्हाट्सएप के प्रमुख विल कैथर्ट ने ट्वीट की एक लंबी शृंखला(थ्रेड) के जरिये अपनी कंपनी का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि कंपनी ने अपनी नीति को पारदर्शी बनाने और लोगों को वैकल्पिक व्यापार सुविधाओं की बेहतर जानकारी देने के लिए अपडेट की है. उन्होंने कहा, यह स्पष्ट करना हमारे लिए बेहद अहम है कि यह अपडेट बिजनेस कम्युनिकेशन की जानकारी देने के लिए है. इससे व्हाट्सएप की फेसबुक के साथ डाटा शेयरिंग प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं होगा.

इस अपडेट का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा कि लोग अपने दोस्तों या परिवार या दुनिया में किसी अन्य के साथ कैसे निजी बातचीत करते हैं. कैथर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि व्हाट्सएप पर चैटिंग पूरी तरह एंड-टू-एंड इन्क्रिप्टिड (ई2ई) है यानी न तो वह और न ही फेसबुक किसी भी निजी चैट या कॉल को देख सकती है और कंपनी इस निजता की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.