AstroSat: A Multi-Wavelength Marvel : क्या आपने कभी अंतरिक्ष में रहने वाले रहस्यमयी ब्लैक होल के बारे में सुना है? आज हम आपको एक भारतीय उपग्रह की कहानी बताएंगे, जिसने एक ऐसे ही एक ब्लैक होल के राज खोलने में मदद की है!
इस कहानी का नायक है हमारा अपना अंतरिक्ष यान एस्ट्रोसैट. आस्त्रसैट खास है क्योंकि वो एक ही समय में कई तरह की रोशनी (Wavelength) को देख सकता है. जैसे इंसान इंद्रधनुष के अलग-अलग रंग देखता है, वैसे ही आस्त्रसैट भी आसमान के अलग-अलग रंगों (Wavelength) को देखकर अंतरिक्ष की वस्तुओं को समझता है.
MAXI J1820+070: ब्लैक होल
आज हम जिस ब्लैक होल की बात करेंगे, उसका नाम है MAXI J1820+070. यह करीब 9800 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है और बहुत ही खास है. 2018 में इसने अचानक चमकना शुरू कर दिया, जैसे कोई तेज रोशनी वाला दीपक जला दिया हो! इस वजह से दुनिया भर के वैज्ञानिकों का ध्यान इस ब्लैक होल की ओर गया.
AstroSat: A multi-wavelength marvel
AstroSat enables unlocking the secrets of a transient black hole X-ray binary.
The study "A Multi-Wavelength Spectral Study of MAXI J1820+070 in the Soft and Hard States" by an international team enhances the understanding of the accretion… pic.twitter.com/CpmChizs8J
— ISRO (@isro) February 20, 2024
आस्त्रसैट की जासूसी
MAXI J1820+070 के रहस्य को सुलझाने में एस्ट्रोसैट ने अहम भूमिका निभाई. एस्ट्रोसैट की खासियत है कि वो X-Ray, UV और सामान्य रोशनी को देख सकता है. इस तरह उसने MAXI J1820+070 के आसपास के इलाकों को अलग-अलग रोशनी में देखा, मानो जासूसी कर रहा हो!
ब्लैक होल के मूड स्विंग
आपको जानकर हैरानी होगी कि ब्लैक होल भी अपना मूड बदलते रहते हैं! कभी वो ज्यादा खाते हैं, तो कभी कम. जब वो ज्यादा खाते हैं (चीजो को अंदर खींचते हैं) तो उन्हें हार्ड स्टेट कहते हैं, और कम खाते हैं तो उसे सॉफ्ट स्टेट कहते हैं. आस्त्रसैट ने देखा कि MAXI J1820+070 भी इन दोनों मूड में स्विंग करता था. हार्ड स्टेट में वो ज्यादा X-Ray छोड़ता था, और सॉफ्ट स्टेट में कम. इस तरह एस्ट्रोसैट ने बताया कि MAXI J1820+070 का मूड कैसा है और वो कितना खा रहा है!
रोशनी का नाटक
एस्ट्रोसैट ने ये भी पता लगाया कि ब्लैक होल के आसपास और दूर इलाकों में भी रोशनी का अपना नाटक चल रहा है. ब्लैक होल के पास जो रोशनी निकलती है, वो उससे दूर जाकर दूसरी तरह की रोशनी बन जाती है. आस्त्रसैट ने इस रोशनी के नाटक को भी समझा, जिससे वैज्ञानिकों को MAXI J1820+070 के बारे में और भी जानकारी मिली.
आखिर में...
एस्ट्रोसैट का यह शोध बहुत महत्वपूर्ण है. इससे न सिर्फ MAXI J1820+070 के बारे में जानकारी मिली, बल्कि ये बताया कि अंतरिक्ष में और भी ऐसे ब्लैक होल हो सकते हैं, जिनके बारे में हम नहीं जानते. एस्ट्रोसैट जैसे शक्तिशाली उपग्रहों की मदद से हम भविष्य में और भी ज्यादा रहस्यों को खोल पाएंगे!