इन दिनों नई क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) टोकन ओमिक्रॉन (Omicron) की डिमांड तेजी से बढ़ रही है, दरअसल इसकी मुख्य वजह कोरोना वायरस के नए वेरियंट बी.1.1.529 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा ओमिक्रॉन नाम देना है. बीते 27 नवंबर को नई क्रिप्टोकरेंसी की कीमत लगभग $65 पर कारोबार कर रही थी. जबकि दो दिन बाद यह बढ़कर $689 हो गई, यानी ओमिक्रॉन क्रिप्टोकरेंसी टोकन में 945 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है. इसने बिटकॉइन (Bitcoin) और एथेरियम (Ethereum) जैसी बड़ी क्रिप्टोकरेंसी को भी प्रदर्शन में पछाड़ दिखा है. Cryptocurrency News: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी करेंसी को लेकर कही यह बात, निवेशकों के लिए जानना बेहद जरुरी
Omicron को पिछले महीने की शुरुआत में लॉन्च किया गया था और इसमें तेजी आने से पहले यह $65 पर कारोबार कर रहा था. इससे पहले आज OMIC (ओमिक्रॉन) $324.73 मिलियन के मार्केट कैप के साथ $324 पर कारोबार कर रहा था. वर्तमान में इस नई डिजिटल मुद्रा के बारे में बहुत कम जानकारी है. ऐसे में यूजर्स को इसमें अपने रिस्क पर निवेश करने की सलाह दी जाती है.
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जल्द ही बड़ा फैसला लेने वाली है. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद सरकार जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी पर एक विधेयक पेश करेगी.
उन्होंने कहा कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी विनियमित नहीं है और सरकार क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन से जुड़े आकंड़े एकत्र नहीं करती है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार, रिजर्व बैंक और ‘सेबी’ लोगों को क्रिप्टोकरेंसी के बारे में आगाह करते रहे हैं कि यह "काफी जोखिम भरा" क्षेत्र हो सकता है और इस संबंध में और जागरूकता पैदा करने की जरूरत है.
इस बीच, एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में सीतारमण ने कहा कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित धोखाधड़ी पर विशिष्ट जानकारी नहीं रखती और वित्तीय धोखाधड़ी के मामले राज्य का विषय होते हैं. उन्होंने हालांकि कहा कि क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी से संबंधित आठ मामलों की जांच प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही है.