Made in India Semiconductor: सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत की बड़ी छलांग, 1.26 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मिली मंजूरी

भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए कुल 1,26,000 करोड़ रुपये की तीन बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. आइए इन परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं:

1. टाटा की धोलेरा (गुजरात) में भारत की पहली वाणिज्यिक सेमीकंडक्टर फैब सुविधा - 91,000 करोड़ रुपये

  • यह भारत की पहली वाणिज्यिक सेमीकंडक्टर फैब (Fabrication) सुविधा होगी, जिसका निर्माण गुजरात के धोलेरा में किया जाएगा.
  • इस परियोजना की लागत 91,000 करोड़ रुपये है.
  • यह परियोजना देश में सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्माण में आत्मनिर्भरता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

2. असम में टाटा का सेमीकंडक्टर पैकेजिंग संयंत्र - 27,000 करोड़ रुपये

  • असम में टाटा द्वारा स्थापित किया जाने वाला यह सेमीकंडक्टर पैकेजिंग संयंत्र देश में इस तरह का दूसरा संयंत्र होगा.
  • इस परियोजना की लागत 27,000 करोड़ रुपये है.
  • यह संयंत्र तैयार सेमीकंडक्टर चिप्स को उनकी अंतिम उत्पादों में उपयोग करने के लिए तैयार करेगा.

3. सानंद (गुजरात) में सीजी पावर का विद्युत संयंत्र - 7,600 करोड़ रुपये

  • यह परियोजना सेमीकंडक्टर निर्माण इकाइयों को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगी.
  • इस परियोजना की लागत 7,600 करोड़ रुपये है.
  • यह परियोजना देश के विद्युत क्षेत्र को भी मजबूत करेगी.

इन परियोजनाओं के लाभ

  • ये परियोजनाएं भारत को सेमीकंडक्टर चिप्स के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगी, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा.
  • इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.
  • इससे भारत को नई टेक्नॉलॉजी अपनाने में मदद मिलेगी.

सेमीकंडक्टर का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है, जैसे-

  • कंप्यूटर
  • मोबाइल फोन
  • टेलीविजन
  • रेडियो
  • कार
  • घरेलू उपकरण

  • सेमीकंडक्टर आमतौर पर सिलिकॉन, जर्मेनियम या गैलियम आर्सेनाइड जैसे तत्वों से बने होते हैं.
  • सेमीकंडक्टर का निर्माण एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें कई चरण शामिल होते हैं.
  • सेमीकंडक्टर उद्योग दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे महत्वपूर्ण उद्योगों में से एक है.