गूगल Gemini 'Nano Banana' AI साड़ी ट्रेंड सेफ है या खतरे से भरा? जानें पुलिस और साइबर एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं
Google Gemini’s ‘Nano Banana’ AI Saree Trend (Photo Credits: Instagram)

गूगल के Gemini AI का नया फीचर 'Nano Banana' साड़ी ट्रेंड इन दिनों सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है. भारत ही नहीं, दुनिया भर की महिलाएं अपने फोटो को विंटेज या बॉलीवुड स्टाइल की साड़ियों में एडिट कर रही हैं. फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर लोग “रेट्रो लुक”, “ट्रेडिशनल ब्राइडल लुक” और “बॉलीवुड साड़ी शूट” जैसे प्रॉम्प्ट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन प्रॉम्प्ट्स से तैयार हुई तस्वीरें इतनी रियल दिख रही हैं कि लोग हैरान हैं.

हालांकि, इस ट्रेंड के बीच पंजाब के जालंधर ग्रामीण पुलिस ने चेतावनी जारी की है. पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि इस तरह के AI ऐप्स में फोटो अपलोड करने से आपका निजी डेटा खतरे में पड़ सकता है. पुलिस ने कैप्शन में लिखा, "ऐप्स पर फोटो एडिट न करें, इससे आपका पर्सनल डेटा लीक हो सकता है. सुरक्षा आपके हाथ में है."

साइबर विशेषज्ञों की राय

साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार, जब कोई अपनी फोटो ऐसे ऐप्स पर अपलोड करता है, तो उनका चेहरा और बायोमेट्रिक डेटा सर्वर पर सेव हो सकता है. यही डेटा बाद में एआई ट्रेनिंग या फ्रॉड के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि बायोमेट्रिक डेटा का दुरुपयोग साइबर फ्रॉड, पहचान चोरी, या डिजिटल ठगी जैसी घटनाओं को जन्म दे सकता है.

पुलिस ने डेटा लीक के खतरे को बताया गंभीर

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की चेतावनी

आईपीएस अधिकारी वी.सी. सज्जनार ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, "इंटरनेट के ट्रेंडिंग टॉपिक्स से सावधान रहें! ‘नैनो बनाना’ ट्रेंड एक जाल हो सकता है. एक बार आपका डेटा चोरी हो गया, तो उसे वापस पाना लगभग असंभव होगा."

यूजर्स के लिए जरूरी सतर्कता

यह ट्रेंड देखने में जितना मजेदार लगता है, उतना ही खतरनाक भी साबित हो सकता है. विशेषज्ञों की सलाह है कि किसी भी AI फोटो एडिटिंग ऐप पर अपनी व्यक्तिगत तस्वीरें अपलोड करने से पहले उसके नियम, शर्तें और गोपनीयता नीति को पढ़ें. अनधिकृत या संदिग्ध वेबसाइटों से बचें और अपने डेटा की सुरक्षा को प्राथमिकता दें.

गूगल Gemini ‘नैनो बनाना’ साड़ी ट्रेंड जितना ग्लैमरस दिख रहा है, उतना ही सावधानी बरतने की जरूरत है. एक छोटी-सी लापरवाही आपकी प्राइवेसी और डेटा को खतरे में डाल सकती है.