COVID Layer in Google Maps: दुनिया भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के तेजी से बढ़ते मामलों को नियंत्रित करने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, बावजूद इसके कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण के मामलों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी का सिलसिला जारी है. ऐसे में टेक दिग्गज कंपनी गूगल (Google) ने हाल ही में गूगल मैप्स (Google Maps) में कोरोना लेयर फीचर (Corona Layer Feature) को अपडेट किया गया है. गूगल के अनुसार इस फीचर की मदद से यूजर्स को एक क्षेत्र में कोविड-19 के मामलों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी, जिससे यूजर्स को उस विशेष क्षेत्र में जाने से बचने और सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी. बताया जा रहा है कि गूगल मैप का यह नया अपडेट एंड्रॉयड (Android) और आईओएस (iOS) यूजर्स के लिए इस सप्ताह मिल सकता है. मैप दुनिया के उन सभी 220 देशों और क्षेत्रों का कंट्री लेवल दिखाएगा, जो गूगल मैप्स को सपोर्ट करते हैं.
कोविड लेयर फीचर ऐसे करेगा काम
टेक दिग्गज गूगल द्वारा अपने ब्लॉगपोस्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, यूजर्स जब गूगल मैप को ओपन करेंगे, तब उन्हें लेयर बटन में 'COVID-19 info' फीचर मिलेगा. कोविड-19 इन्फो पर क्लिक करने के बाद यूजर्स गूगल मैप्स में डेटा देख सकेंगे. यह मैप कोविड-19 की स्थिति के हिसाब से बदल जाएगा. यह क्षेत्र में प्रति 1,00,000 लोगों पर सात दिन के नए एवरेज मामलों को दिखाएगा और यह जानकारी देगा कि मामले बढ़ रहे हैं या कम हो रहे हैं.
देखें ट्वीट-
To help you navigate the world safely, you'll start seeing information about new COVID cases in an area with data from sources like @nytimes, @JohnsHopkins, & @Wikipedia in a new layer on Maps.
Rolling out on iOS & Android, with more ways to stay up-to-date coming soon. 👍 pic.twitter.com/iWB02T0aAB
— Google Maps (@googlemaps) September 23, 2020
इसके साथ ही गूगल इसमें कलर कोडिंग फीचर भी जोड़ रहा है, जिससे यूजर्स को एक क्षेत्र में नए मामलों को पहचानने में मदद मिलेगी. ट्रेडिंग मैप डेटा उन सभी 220 देशों और क्षेत्रों का कंट्री लेवल दिखाएगा, जो गूगल मैप्स को सपोर्ट करते हैं. साथ ही यह राज्य या प्रांत, काउंटी और शहर स्तर पर डेटा भी उपलब्ध कराएगा. यह भी पढ़ें: Google Maps में भारत ही नहीं, बल्कि कई देशों की सीमाएं दिखती है अलग
गौरतलब है कि गूगल अलग-अलग सोर्सेस से एक विशेष क्षेत्र में कोविड-19 मामलों के लिए डेटा इकट्ठा करेगा, जिसमें जॉन्स हॉपकिन्स, न्यूयॉर्क टाइम्स और विकिपीडिया जैसे सोर्स शामिल होंगे. ज्ञात हो कि इन सोर्सेज में वर्ल्ड ऑर्गेनाइजेशन, सरकारी स्वास्थ्य मंत्रालयों और अन्य सार्वजनिक संगठनों के साथ राज्य व स्थानीय स्वास्थ्य एजेंसियों व अस्पतालों के डेटा उपलब्ध होते हैं.