25 जून 1983 यह तारीख भारतीय इतिहास में अमर है. इसी दिन कपिल देव के अगुवाई वाली भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के लॉर्ड्स मैदान में दो बार की विश्व चैंपियन वेस्ट इंडीज को पटखनी देते हुए वर्ल्ड कप अपने नाम किया था. लॉर्ड्स की बालकनी में कपिल देव के ट्रॉफी लेते हुए क्षण को कोई नहीं भूल सकता. टूर्नामेंट शुरू होने से पहले किसी ने भी नहीं सोचा था कि भारतीय शेर विश्व विजेता बन जाएंगे. कपिल देव की टीम ने करोड़ों भारतीय क्रिकेट फैंस का सपना साकार किया था.
बता दें कि टीम इंडिया ने टूर्नामेंट की शानदार शुरुआत नहीं की थी मगर धीरे-धीरे टीम लय में आई. फाइनल में उनका सामना दो बार की विश्व कप विजेता टीम वेस्टइंडीज से हुआ. क्लाइव लॉयड की कप्तानी में वेस्टइंडीज 1975 और 1979 का विश्व कप जीत चुका था और माना जा रहा था कि तीसरी बार भी उनकी जीत पक्की है. मगर कपिल देव की टीम ने उनके मंसूबे पूरे होने नहीं दिए.
On this day in 1983 - India won the World Cup and held the trophy high at Lord's - Memories to last a lifetime 🇮🇳🇮🇳🏆🏆 pic.twitter.com/w6b7gg7zAw
— BCCI (@BCCI) June 24, 2019
फाइनल की पूरी कहानी:
भारत ने पहली बल्लेबाजी की और 183 पर ऑल-आउट हो गई. सबसे ज्यादा 38 रन श्रीकांत ने बनाये थे. संदीप पाटिल ने 27 रनों का योगदान दिया था. वेस्ट इंडीज के लिए एंडी रोबर्ट्स ने 32 रन देकर 3 विकेट लिए थे. मार्शल, होल्डिंग्स और गोम्स ने दो-दो विकेट हासिल किये थे.
60 ओवेरों के लिहाज से भारतीय स्कोर काफी कम था और टीम को जरुरत थी एक करिश्मे की और वो करिश्मा किया कप्तान कपिल देव ने. मदन लाल की गेंद पर विवियन रिचर्ड्स के कैच ने पूरे मैच का रुख बदल दिया और भारतीय टीम में आत्मविश्वास भर दिया. यह लगभग नामुमकिन कैच कप्तान कपिल देव ने लपका था.
इस विकेट के बाद पूरी टीम में अलग ही आत्मविश्वास जगा. भारतीय टीम ने और आक्रामकता के साथ खेलना शुरू किया और वेस्टइंडीज की मजबूत टीम को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. कैरेबियाई टीम केवल 140 रन बना पाई और भारत ने मुकाबला 43 रनों से जीत लिया.