India Vs Australia Test Series: कंगारुओं के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले हर भारतीय खिलाड़ी को 2008 पर्थ टेस्ट की कहानी जरुर पढनी चाहिए
भारतीय टीम (Photo Credit: PTI)

India vs Australia Test Series: भारत (India) बनाम ऑस्ट्रेलिया (Australia) टेस्ट सीरीज का आगाज 6 दिसम्बर (December) से Adelaide के Oval मैदान से शुरू हो रहा है. दोनों ही टीमें पहले टेस्ट मैच के लिए कमर कस चुकी हैं. ऑस्ट्रेलियाई टीम जहां इस बार अपने दो अनुभवी खिलाड़ियों स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर के बगैर मैदान पर उतर रही है, वहीं भारतीय टीम अपने स्टार खिलाड़ियों से सजी टीम के साथ मैदान पर उतर रही है. ऐसे में क्रिकेट दिग्गजों का मानना है इस बार भारतीय टीम इस सीरीज को जीत सकती है. वहीं इस सीरीज को लेकर दोनों टीमों के तरफ से खिलाड़ियों के बीच छिटाकसी भी शुरू हो चुकी है. भारतीय टीम के पास 2008 में मिली 2-1 से हार का बदला लेने का सुनहरा मौका है.

साल 2008 में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जानी थी. पहला मैच ऑस्ट्रेलिया ने जीत लिया था और सीरीज का दूसरा टेस्ट सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में खेला जाना था. दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. इस मैच में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting), माइकल हसी (Michael Hussey) और एंड्रयू साइमंड्स (Andrew Symonds) ने शानदार गेंदबाजी की जिसके बलबूते ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहली पारी में 463 रन का विशाल स्कोर खड़ा करने में कामयाब रहा.

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जिसके जवाब में भारतीय टीम ने माकूल जवाब देते हुए सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण के शतक के साथ द्रविड़, गांगुली और हरभजन ने अर्धशतक लगाए. लेकिन मामला तब तुल पकड़ा जब हरभजन सिंह क्रीज पर बल्लेबाजी कर रहे थे, और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने उन्हें उकसाना शुरू किया. इस सीरीज के दौरान बात इतनी बढ़ गई थी कि सीरीज तक रद्द होने की नौबत आ गई थी. इस मैच को क्रिकेट इतिहास में 'मंकीगेट कांड' के नाम से जाना जाता है. भारत उस समय इस सीरीज को 2-1 से हर गया था.