कोलकाता: भारत (India) को नाबाद 64 रन बनाकर श्रीलंका (Sri Lanka) पर चार विकेट से रोमांचक जीत दिलाने के बाद, केएल राहुल (KL Rahul) ने कहा कि विकेट कीपिंग और वनडे में नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने की दोहरी भूमिका ने उन्हें अपने खेल को थोड़ा बेहतर समझने में मदद की है. 216 का पीछा करते हुए, भारत 86/4 के स्कोर पर संकट में था. तभी राहुल मैदान पर आए और भारत को 2-0 की अजेय बढ़त हासिल करने के लिए बेहतरीन बल्लेबाजी की.
कोलकाता में अपने नाबाद 64 रन में, राहुल ने 60 डॉट गेंदें खेलीं और छह चौके लगाए, जबकि 34 सिंगल और तीन दो डबल लिए. यह एक ऐसी पारी थी, जिसमें राहुल को सतर्क रहना था और फिर शांत दिमाग से खेलते हुए 40 गेंद शेष रहते लक्ष्य का सफल पीछा किया. 2023 Men’s FIH Hockey World Cup IND vs SPN: टीम इंडिया और स्पेन के बीच आज खेला जाएगा रोमांचक मुकाबला, इन दिग्गजों पर होगी सबकी निगाहें
उन्होंने कहा, "जाहिर है कि मैंने अभी कुछ वर्षों के लिए ऐसा किया है। 2019 के अंत से, पूरे 2020 और 2021 में कुछ मैचों में, मैंने मध्य क्रम में बल्लेबाजी की यह भूमिका निभाई. यह कुछ नया नहीं है. टीम ने मुझे इस स्थिति और भूमिका में व्यवस्थित होने का समय दिया है."
उन्होंने आगे कहा, "जब आपको अपने कप्तान और कोच का समर्थन प्राप्त होता है, तो यह आपको ध्यान केंद्रित करने और अपनी 100 प्रतिशत एकाग्रता लाने में मदद करता है, जिसकी टीम उम्मीद कर रही है और वे आपसे क्या करना चाहते हैं. हां, यह उससे अलग है जो मैं अन्य प्रारूपों में करता हूं. यह मुझे खेल को समझने में और मदद करती है."
पांचवें नंबर पर 15 पारियों में, कभी बैकअप ओपनर के रूप में देखे जाने वाले राहुल का औसत अब 54.25 का है और उनका स्ट्राइक रेट 102.23 है. राहुल ने हर किसी को याद दिलाया हैं कि उन्होंने कोलकाता में अपनी नाबाद 64 रन की पारी के अलावा शानदार कीपिंग से क्या हासिल किया है. विकेट के पीछे, उन्होंने स्वीकार किया कि बहुत मेहनत करनी पड़ी है.
राहुल और हार्दिक पांड्या को शुरूआती दबाव का सामना करना पड़ा और फिर 119 गेंदों पर 75 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी करने के लिए श्रीलंकाई गेंदबाजों की ढीली गेंदों का फायदा उठाना पड़ा. जबकि हार्दिक आउट हो गए थे. राहुल ने अक्षर पटेल और कुलदीप यादव के साथ नाबाद 30 और 28 रनों की साझेदारी कर भारत को सीरीज पर 2-0 से अपराजेय बढ़त बनाने में मदद की.
2016 में अपने वनडे डेब्यू के बाद के वर्षों में, राहुल ने कई भूमिकाएं निभाई हैं - बल्लेबाजी की शुरूआत करना, मध्य क्रम में बल्लेबाजी करना और साथ ही विकेटकीपर होना. अब तक के अपने वनडे करियर पर बात करते हुए राहुल ने महसूस किया कि विभिन्न स्थानों और परि²श्यों में उनकी कोशिश से पता चलता है कि थिंक टैंक ने टीम के लिए उन पर भरोसा किया.