Azharuddin: हैदराबाद स्टेडियम से नाम हटाने के फैसले पर भड़के पूर्व कप्तान अजहरुद्दीन, खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
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हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) के लोकपाल द्वारा पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन (Mohammad Azharuddin) का नाम राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम के नॉर्थ स्टैंड से हटाने के निर्देश दिए जाने के बाद मामला गरमा गया है. इस फैसले के खिलाफ अजहरुद्दीन ने तेलंगाना हाई कोर्ट का रुख किया है.

यह आदेश एचसीए के एथिक्स ऑफिसर और सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी. ईश्वरैया द्वारा पारित किया गया, जो लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब — एचसीए की एक सदस्य इकाई — की याचिका पर आधारित था. याचिका में आरोप था कि अजहरुद्दीन ने एचसीए अध्यक्ष रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया और दिसंबर 2019 में बिना जनरल बॉडी की अनुमति के स्टैंड का नाम अपने नाम पर रखवा लिया. यह भी पढ़े: Mohammed Azharuddin Money Laundering Case: ED ने धनशोधन मामले में अजहरुद्दीन से नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की

अजहरुद्दीन की प्रतिक्रिया: "क्रिकेट खेलने का अफसोस होता है

मीडिया से बात करते हुए अजहरुद्दीन ने इस फैसले को दिल तोड़ने वाला बताया. उन्होंने कहा, “यह कहते हुए मुझे बहुत दुख होता है, लेकिन कभी-कभी मुझे क्रिकेट खेलने का अफसोस होता है. यह देखकर दिल टूट जाता है कि खेल के बारे में बहुत कम या बिल्कुल भी समझ न रखने वाले लोग अब सिखाने और नेतृत्व करने की स्थिति में हैं. यह खेल के लिए पूरी तरह से अपमान है।”

बीसीसीआई से हस्तक्षेप की मांग

पूर्व कप्तान ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा: “मैं बीसीसीआई से आग्रह करता हूं कि वह उचित हस्तक्षेप करे और कार्रवाई करे. यह मुद्दा अकेला नहीं है.

“सिस्टम में भ्रष्टाचार उजागर किया, इसलिए निशाना बनाया गया”

अजहरुद्दीन का आरोप है कि उन्हें एचसीए चुनाव में हिस्सा लेने से रोका गया क्योंकि उन्होंने संघ के अंदर चल रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया था. “जो कुछ भी सामने आ रहा है वह समझ से परे है और यह मुझे व्यक्तिगत रूप से आहत करता है.

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