श्रीलंका के पूर्व स्पिनर मुथैया मुरलीधरन का बड़ा खुलासा, कहा- Sachin Tendulkar से नहीं बल्कि इस खिलाड़ी से लगता था सबसे ज्यादा डर

मुथैया मुरलीधरन ने 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल के बारे में भी बात की. मुरली ने बताया कि वर्ल्ड कप के फाइनल में एमएस धोनी पांच नंबर पर क्यों खेलने आए थे. मुरलीधरन ने कहा कि धोनी ने उनका दूसरा अच्छी तरफ से समझ गए थे और इसी वजह से वो पांचवे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे.

क्रिकेट Siddharth Raghuvanshi|

श्रीलंका के पूर्व स्पिनर मुथैया मुरलीधरन का बड़ा खुलासा, कहा- Sachin Tendulkar से नहीं बल्कि इस खिलाड़ी से लगता था सबसे ज्यादा डर

मुथैया मुरलीधरन ने 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल के बारे में भी बात की. मुरली ने बताया कि वर्ल्ड कप के फाइनल में एमएस धोनी पांच नंबर पर क्यों खेलने आए थे. मुरलीधरन ने कहा कि धोनी ने उनका दूसरा अच्छी तरफ से समझ गए थे और इसी वजह से वो पांचवे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे.

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श्रीलंका के पूर्व स्पिनर मुथैया मुरलीधरन का बड़ा खुलासा, कहा- Sachin Tendulkar से नहीं बल्कि इस खिलाड़ी से लगता था सबसे ज्यादा डर
Muttiah Muralitharan (Photo Credits : Twitter)

मुंबई: श्रीलंका (Sri Lanka) के पूर्व दिग्गज गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) ने एक बड़ा खुलासा किया हैं. मुरलीधरन ने टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) में 800 लेने का अनोखा रिकार्ड अपने नाम किया हैं. मुरलीधरन वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट (International Cricket) में भी सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. मुरलीधरन ने कहा कि उन्हें अपने क्रिकेट करियर के दौरान सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को गेंदबाजी करने में डर नहीं लगता था. वीरेंदर सहवाग (Virender Sehwag) से ज्यादा डर लगता था. Virender Sehwag ने कहा- CSK के कुछ बल्लेबाज टीम के लिए खेलना सरकारी नौकरी समझते हैं

एक इंटरव्यू में मुथैया मुरलीधरन ने बताया कि उन्हें गेंदबाजी करते समय सचिन तेंदुलकर से जितनी दिक्कत नहीं होती थी, उतनी दिक्कत वीरेंद्र सहवाग से होती थी. सहवाग को किसी भी गेंदबाज से दर नहीं लगता था, क्योंकि वो निडर होकर खेलते थे. वो पहली गेंद खेल रहे हों या फिर 99 रन पर बल्लेबाजी कर रहे हों, वे हमेशा गेंदबाजों पर आक्रमण करते थे और खराब गेंद मिलने पर बाउंड्री मारने के लिए हमेशा तैयार रहते थे. सहवाग दुनिया के किसी भी गेंदबाज को अटैक कर सकते हैं.

मुरलीधरन ने ये भी बताया कि उनको ब्रायन लारा के सामने भी गेंदबाजी करने में डर लगता था. मुरलीधरन ने 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल के बारे में भी बात की. मुरली ने बताया कि वर्ल्ड कप के फाइनल में एमएस धोनी पांच नंबर पर क्यों खेलने आए थे. मुरलीधरन ने कहा कि धोनी ने उनका दूसरा अच्छी तरफ से समझ गए थे और इसी वजह से वो पांचवे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे.

मुरलीधरन ने कहा कि जब मैं सीएसके के लिए खेलता था तब मैंने नेट्स पर धोनी को गेंदबाजी करता था, इससे उन्होंने इस गेंद को अच्छी तरफ सीख लिया था.

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकार्ड श्रीलंका के महान गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन के नाम हैं. मुरलीधरन ने टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट चटकाए हैं. वहीं वनडे में उन्होंने 534 विकेट अपने नाम किए हैं. उनके इस आंकड़े तक किसी गेंदबाज का पहुंचना काफी मुश्किल लग रहा है.

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