नई दिल्ली: साल 2008 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गई अनिल कुंबले (Anil Kumble) की अगुवाई वाली भारतीय टीम और ऑस्ट्रेलियाई टीम के बीच जमकर बहसबाजी हुई थी. बात इस कदर तक बढ़ गई की टीम इंडिया बीच दौरे में ही घर वापसी के बारे में सोचने लगी थी. दरसल इस सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया. पहले बल्लेबाजी करते हुए मेजबान टीम ने पहली पारी में 463 रन बनाए. जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने पहली पारी में सचिन और लक्ष्मण के शतक के बदौलत 532 रन का स्कोर खड़ा किया.
इस मैच में निचले क्रम के खिलाड़ी हरभजन सिंह ने भी अर्धशतक लगाया और सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर टीम के लिए 129 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की. इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी और एंड्रयू साइमंड्स लगातार भारतीय बल्लेबाजों के उपर स्लेजिंग का रहे थे. मैच के दौरान ही हरभजन सिंह ने एक रन पूरा करने के बाद ब्रेट ली की पीठ हल्के से थपथपाई जिसे देखकर साइमंड्स गुस्से से लाल हो गए. साइमंड्स को शायद विपक्षी खिलाड़ी का ली से दोस्ताना व्यवहार पसंद नहीं था. उन्होंने भज्जी के खिलाफ अभद्रता जताई भज्जी का संयम टूटा और फिर जो हुआ उसे पूरी दुनिया ने देखा.
इस मैच में एंड्रयू साइमंड्स ने हरभजन सिंह के उपर मंकी कहने का आरोप लगाया था, जिसे रंगभेदी टिप्पणी माना जाता है. इस घटना के बाद पूछताछ का दौर चला. इस विवाद का फायदा ऑस्ट्रेलियाई टीम को मिला. भारतीय टीम को दूसरी पारी में 333 रनों का लक्ष्य मिला था. मैच के दौरान राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी को अंपायर स्टीव बकनर ने कैच आउट दिया जबकि गेंद बल्ले से काफी दूर रही थी. मैच के बाद हरभजन के उपर तीन मैचों का प्रतिबंध लगा और इसके बाद पूरी भारतीय टीम भड़क उठी और घर वापसी की तैयारी करने लगी.
लेकिन बाद में हरभजन सिंह के उपर से मैच प्रतिबंध का मामला हटाकर मैच के दौरान अभद्र भाषा का प्रयोग करने की वजह से मैच फीस का आधा जुर्माना लगाया गया. इस सीरीज के तीसरे मैच में भारतीय टीम ने मेजबान टीम के उपर पलटवार करते हुए पर्थ में मात दी थी.