दुबई,5 अक्टूबर : शुक्रवार को दुबई में महिला टी20 विश्व कप 2024 में भारत-न्यूज़ीलैंड मैच के दौरान पहली पारी में एमेलिया कर को रन आउट न दिए जाने को लेकर विवाद की स्थिति पनप गई. भारतीय टीम ने 14वें ओवर में कर द्वारा रन लेने के प्रयास में रन आउट की अपील की, जिसे अंपायर ने नकार दिया. दरअसल दीप्ति शर्मा की अंतिम गेंद पर लॉन्ग ऑफ़ पर शॉट खेले जाने के बाद सोफ़ी डिवाइन और कर ने मिलकर दूसरा रन लेने का प्रयास किया और स्ट्राइकर एंड पर कर क्रीज़ तक नहीं पहुंच पाईं. हालांकि दूसरे रन के लिए भागे जाने से पहले ही दीप्ति ने अंपायर से अपनी कैप वापस मांग ली थी.
इसका मतलब था कि गेंद डेड हो चुकी थी क्योंकि अंपायर द्वारा गेंदबाज़ को कैप थमाए जाने के बाद गेंद को प्ले में नहीं माना जा सकता था और हरमनप्रीत कौर ने इस घटना के बाद ही गेंद को विकेटकीपर की ओर थ्रो किया था. इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सात मिनट तक के लिए खेल रुका रहा. भारतीय मुख्य कोच अमोल मज़ूमदार भी रन आउट न दिए जाने पर निराश दिखाई दिए. वह बाउंड्री लाइन के पास चौथे अंपायर के साथ चर्चा करते हुए दिखाई दे रहे थे. यह भी पढ़ें : Asha Sobhana Imitates Leandro Trossard’s Celebration: न्यूज़ीलैंड के खिलाफ महिला T20 विश्व कप मैच के दौरान आशा सोभना ने की आर्सेनल स्टार लिएंड्रो ट्रॉसार्ड के जश्न की नकल, देखें वीडियो
रन आउट की अपील नकारे जाने और सिंगल दिए जाने के बाद अगले ओवर की शुरुआत में कर को वापस स्ट्राइक पर आना चाहिए था, लेकिन उनकी जगह पर डिवाइन ने स्ट्राइक लिया और सिंगल लिए जाने के बाद कर वापस स्ट्राइक पर आ गईं. हालांकि कर अगली गेंद पर एक्स्ट्रा कवर के हाथों कैच थमा बैठीं.
रन आउट की इस अपील पर डेड बॉल से संबंधित एमसीसी का नियम यही कहता है कि ऐसी स्थिति में गेंदबाज़ या विकेटकीपर का रुख़ एक अच्छा मार्गदर्शक हो सकता है. हालांकि ऐसी स्थिति में भी अंपायर की राय ही मान्य होती है. अगर अंपायर को लगता है कि गेंद पूरी हो चुकी थी तो उसे डेड माना जाएगा, इससे फ़र्क नहीं पड़ता यदि कोई एक या अधिक खिलाड़ी यह मानते हों कि गेंद अभी भी प्ले में है.