शाहजहांपुर में 11 जून, 1897 को जन्में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल (Pandit Ram Prasad Bismil) उन जाने-माने भारतीय आंदोलनकारियों में से एक थे, जिन्होंने ब्रिटिश उपनिवेशवाद के विरुद्ध लड़ाई लड़ी. उन्होंने 19 वर्ष की आयु से बिस्मिल उपनाम से उर्दू और हिन्दी में देशभक्ति की सशक्त कविताएं लिखनी आरंभ कर दी. उन्होंने भगत सिंह और चन्द्रशेखर आजाद जैसे स्वतंत्रता सेनानियों सहित हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन किया और 1918 में इसमें मैनपुरी षडयंत्र और ब्रिटिश शासन के विरुद्ध प्रदर्शन करने के लिए अशफाक उल्लाह खान तथा रोशन सिंह के साथ 1925 के काकोरी कांड में भाग लिया.
काकोरी कांड में उनका हाथ होने के कारण उन्हें मात्र 30 वर्ष की आयु में 19 दिसम्बर, 1927 को गोरखपुर जेल में फांसी दे दी गई. जब वे जेल में थे तब उन्होंने 'मेरा रंग दे बसंती चोला' और 'सरफरोशी की तमन्ना' लिखे जो स्वतंत्रता सेनानियों का गान बन गए.
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