Rh Factor Test: एक गर्भवती महिला के लिए डॉक्टर्स कई शुरुआती टेस्ट करने की सलाह देते हैं, उनमें ब्लड-टाइप टेस्ट शामिल है. यह टेस्ट उनके ब्लड टाइप और आरएच फैक्टर की जांच करता है. मां का आरएच फैक्टर (Rh Factor) उसके बच्चे की सेहत से जुड़ा होता है. अगर गर्भवती महिला का खून पॉजिटिव और गर्भ में पल रहे बच्चे का खून नेगेटिव हो तो इससे नवजात की जान को खतरा हो सकता है.
मां के दूसरे गर्भधारण तक आरएच एंटीबॉडी हानिरहित हैं. अगर वह कभी एक और आरएच पॉजिटिव बच्चे को गर्भ में धारण करती है, तो उसके आरएच एंटीबॉडी बच्चे के ब्लड सेल्स की सतह पर आरएच प्रोटीन को बाहरी के रूप में पहचान लेंगे. उसके एंटीबॉडी बच्चे के ब्लड फ्लो में चले जाएंगे और उन कोशिकाओं पर हमला करेंगे. इससे बच्चे की RBCs सूज सकती हैं और फट सकती हैं. इसे नवजात शिशु के हेमोलिटिक या आरएच रोग के रूप में जाना जाता है. इससे बच्चे का ब्लड काउंट बहुत कम हो सकता है.
गर्भवती महिला का खून पॉजिटिव और उसकी कोख में पल रहे बच्चे का खून नेगेटिव हो तो इससे जान का खतरा हो सकता है. pic.twitter.com/2rSCTRXRW2
— DW Hindi (@dw_hindi) April 12, 2023
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