लोकसभा चुनाव 2019 के बाद से विपक्षी पार्टियों की ओर से EVM को लेकर काफी आरोप हुए. EVM के साथ VVPAT की सभी स्लिप्स की गिनती के लिए एक याचिका लगाई गई थी. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने अब भारतीय निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है. इस याचिका में मांग की गई थी कि नागरिकों के द्वारा दिए गए वोटों को सुनिश्चित करने के लिए सभी VVPAT की पेपर स्लिप की गिनती की जाए, जिससे की चुनाव सही ढंग से हो. अभी केवल वीवीपीएटी पर्चियों के माध्यम से केवल पांच ईवीएम के वेरिफिकेशन का नियम है. यह भी पढ़े :PM Modi Uttarakhand Rally: उत्तराखंड में गांधी परिवार पर बरसे पीएम मोदी, कहा- ‘नीयत सही तो नतीजे भी सही’ (Watch Video)
VVPAT चुनावों में काफी महत्वपूर्ण है. इसके माध्यम से वोट देने वाले लोगों को यह पता चलता है कि जिसको उसने मतदान किया , उसीको वोट गया है. VVPAT की स्लिप को वोटर्स देख सकते है.
इस याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया. बता दे कि यह याचिका वकील और एक्टिविस्ट अरुण कुमार अग्रवाल ने दायर की थी.
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