केरल सरकार ने हाईकोर्ट में एक अपील दायर की है जिसमें उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश के हालिया आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें सरकार को अवैध पटाखों को जब्त करने के लिए सभी धार्मिक स्थानों पर छापेमारी करने का निर्देश दिया गया था. अपील में केरल सरकार ने कहा है कि राज्य में कई धार्मिक त्योहारों के लिए आतिशबाजी आवश्यक है और यह प्राचीन काल से प्रचलित है.

इससे पहले न्यायाधीश ने कहा था कि विषम समय में धार्मिक स्थानों पर पटाखे नहीं फोड़े जाएंगे और भगवान को प्रसन्न करने के लिए पटाखे फोड़ने का किसी भी पवित्र ग्रंथ में कोई आदेश नहीं है. राज्य सरकार ने न्यायाधीश की इस टिप्पणी पर भी आपत्ति जताई है कि किसी भी पवित्र ग्रंथ में भगवान को खुश करने के लिए पटाखे फोड़ने का कोई आदेश नहीं है.

अपील में कहा गया है, "राज्य में कई धार्मिक त्योहार/आयोजन हैं, जिनमें आतिशबाजी का प्रदर्शन एक अनिवार्य हिस्सा है और प्राचीन काल से ही किया जाता रहा है. ये त्यौहार, सामाजिक-धार्मिक आयोजन होने के अलावा, वर्ग, पंथ, समुदाय से परे राज्य के निवासियों का एक समूह बनाते हैं और धर्म इस प्रकार राज्य के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने और बहु-सांस्कृतिक वातावरण को समृद्ध करता है और बड़ी संख्या में स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को भी आकर्षित करता है."

 

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