सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार, 12 अक्टूबर को कहा कि अजन्मे बच्चे के अधिकार को मां के अधिकार के साथ संतुलित करने की जरूरत है क्योंकि यह एक जीवित और व्यवहार्य भ्रूण है. शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि वे किसी बच्चे को नहीं मार सकते. यह एक विवाहित महिला की गर्भावस्था के चिकित्सीय समापन से संबंधित मामले में आया है, जो गर्भावस्था के 26वें सप्ताह में थी. संबंधित महिला ने अदालत से गुहार लगाई थी कि उसके पहले से ही दो बच्चे हैं और वह दूसरे बच्चे की देखभाल करने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से फिट नहीं है. याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि वह डिप्रेशन से पीड़ित है और अपनी गर्भावस्था को समाप्त करना चाहती है.
Termination of 26-week pregnancy: We can't kill a child, says SC
— Press Trust of India (@PTI_News) October 12, 2023
Termination of 26-week pregnancy: We need to balance right of unborn child with mother's right. It is living, viable foetus, says SC
— Press Trust of India (@PTI_News) October 12, 2023
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