HC On Wife's Maintenance: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने हाल ही में कहा कि एक पति (Husband) का नैतिक और कानूनी दायित्व है कि वह अपनी पत्नी (Wife) का भरण-पोषण करे, भले ही वो खुद का भरण पोषण करने में असमर्थ है या भले ही वो एक पेशेवर भिखारी क्यों न हो. न्यायमूर्ति एचएस मदान ने पत्नी को भरण-पोषण का भुगतान करने के निर्देश के खिलाफ पति द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बेशक एक पति का नैतिक और कानूनी दायित्व है कि वह अपनी पत्नी को बनाए रखने में असमर्थ है, भले ही वह एक पेशेवर भिखारी हो.
न्यायालय ने कहा कि पति एक सक्षम व्यक्ति है और आजकल, एक दिहाड़ी मजदूर भी प्रति दिन 500 रुपए या उससे अधिक कमा लेता है. इसके अलावा, बढ़ती कीमतों की प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए, दिया गया रखरखाव उच्च पक्ष पर नहीं कहा जा सकता है. दरअसल, पत्नी ने तलाक याचिका और हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 24 के तहत एक आवेदन दिया था, जिसमें पति से प्रति माह 15,000 रुपए के रखरखाव की मांग की गई थी.
देखें ट्वीट-
Husband has moral and legal liability to maintain wife even if he is a professional beggar: Punjab & Haryana High Court
reports @tiwari_ji_ https://t.co/yT9rWEJyR1
— Bar & Bench (@barandbench) April 1, 2023
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