Maratha Reservation: मराठा आरक्षण को लेकर SC में उपचारात्मक याचिका दायर करेगी महाराष्ट्र सरकार, शिंदे ने कहा- समुदाय को दिलाएंगे न्याय

मराठा आरक्षण पर समीक्षा याचिका कल खारिज होने के बाद महाराष्ट्र सरकार उच्चतम न्यायालय में उपचारात्मक याचिका दायर करेगी.

Maratha Reservation Review Petition: मराठा आरक्षण पर समीक्षा याचिका कल खारिज होने के बाद महाराष्ट्र सरकार उच्चतम न्यायालय में उपचारात्मक याचिका दायर करेगी. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा "महाराष्ट्र सरकार मराठा समुदाय को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है."

देश के ज्यादातर राज्यों में आरक्षण का मुद्दा राजनीतिक रूप से संवेदनशील हो गया है. महाराष्ट्र के साथ-साथ विभिन्न राज्यों में मराठों के लिए अलग-अलग जातियों के लिए आरक्षण का मुद्दा तकनीकी मुद्दों पर फंसा हुआ है. चूंकि ये सभी जातियां चुनावी राजनीति में प्रभावी हैं, इसलिए उन राज्यों में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खींचतान होती रहती है. इससे शासकों के पास आरक्षण पर देरी की नीति अपनाने के अलावा कोई चारा नहीं है. इसलिए शिंदे-फडणवीस सरकार को मराठा आरक्षण के लिए समीक्षा करनी होगी. कुल मिलाकर आरक्षण की समस्या का समाधान करना एक बड़ी चुनौती होगी. Owaisi On Atiq Murder: अतीक अहमद को मारने वाले कट्टरपंथी, वे गोडसे के वारिस हैं, हत्याकांड पर बोले ओवैसी

राज्य में शक्तिशाली मराठा समुदाय कई वर्षों से आरक्षण की मांग कर रहा था. पृथ्वीराज चव्हाण सरकार ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण लागू करने का फैसला किया था. यह आरक्षण कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरा. राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण का फिर से फैसला लिया.

मराठा समुदाय को 16 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया था. हाईकोर्ट ने शिक्षा में 12 फीसदी और सरकारी नौकरियों में 13 फीसदी आरक्षण लागू किया था. सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने मराठा आरक्षण को अमान्य करार दिया था. कोर्ट ने कहा था कि 50 फीसदी आरक्षण की अधिकतम सीमा को पार कर लिया गया है.

महाराष्ट्र सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. इस रिव्यू पिटीशन को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. मराठा समुदाय के लिए आरक्षण का मुद्दा चुनाव में राजनीतिक रूप से परेशान कर सकता है. इसलिए शिंदे-फडणवीस सरकार को आरक्षण लागू करने के लिए नए कदम उठाने होंगे. ओबीसी आरक्षण में मराठा समुदाय को शामिल किए जाने का ओबीसी समुदाय कड़ा विरोध करता है. इससे और सामाजिक समस्याएं पैदा होंगी. इसलिए सरकार को इस मुद्दे को ठीक से संभालना होगा.

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