भारत-पाक संबंधों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला का कहना है, "दोनों (भारत-पाकिस्तान) देशों को बैठकर कश्मीर मुद्दा सुलझाना चाहिए...युद्ध से कुछ नहीं होगा." इसके पहले सदन के मानसून सत्र में फारूक अब्दुल्ला ने कहा था ''हमें इस राष्ट्र का हिस्सा होने पर गर्व है. ऐसे में देश की जिम्मेदारी सिर्फ हिंदू ही नहीं, मुस्लिम, सिख और ईसाई सहित जो भी लोग भारत में रहते उनके प्रति बनती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक कलर का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.'

फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'केंद्र सरकार कहती है हमने पर्यटन दिया. मेरा कहना मोहब्बत दो. क्या आप जानते हैं कि जी-20 के सदस्य को आप गुलमर्ग भी नहीं लेकर जा सकते हैं. ऐसे में कहते हैं कि शांति आ गई. पड़ोसी (पाकिस्तान) अभी भी खेल रहा है. याद रखिए कि अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं बदल सकते. आपके नेता की बात है. माने ना माने. दम है तो युद्ध कर लीजिए. '

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