विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को बेंगलुरु में कहा कि सुरक्षा परिषद एक पुराने क्लब की तरह है, जहां ऐसे सेट सदस्य हैं जो अपनी पकड़ छोड़ना नहीं चाहते हैं. वे क्लब पर नियंत्रण रखना चाहते हैं. अधिक सदस्यों को शामिल करने के लिए बहुत उत्सुक नहीं हैं, उनकी प्रथाओं पर सवाल उठाने के लिए उत्सुक नहीं हैं. एक तरह से यह मानवीय असफलता है, लेकिन मुझे लगता है कि आज यह दुनिया को नुकसान पहुंचा रहा है. यह दुनिया को नुकसान पहुंचा रहा है, क्योंकि दुनिया के सामने मौजूद प्रमुख मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र कम प्रभावी होता जा रहा है और मैं आपको वैश्विक भावना भी बता सकता हूं. मेरा मतलब है, आज अगर आप दुनिया के 200 देशों से पूछें कि क्या आप सुधार चाहते हैं या नहीं चाहते हैं? बहुत बड़ी संख्या में देश कहेंगे, हां, हम सुधार चाहते हैं.

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