हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) के मामलों को रद्द किया जा सकता है यदि पीड़ित और आरोपी वास्तविक समझौते पर पहुंचते हैं और एक खुशहाल वैवाहिक जीवन जी रहे हैं. कोर्ट ने कहा, "एक मामले में जहां पीड़िता ने पहले आरोप लगाया था कि उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया था, लेकिन बाद में उसने विवाद सुलझा लिया और आरोपी से शादी कर ली है और शांतिपूर्ण जीवन जी रही है. निश्चित रूप से, ऐसे मामलों में, अदालत संतुष्ट होने के बाद अभियोजन जारी रखने की अनुमति नहीं देगी, जिसके परिणामस्वरूप केवल उनके खुशहाल पारिवारिक जीवन में अशांति होगी. HC on Suicide due to Love Failure: प्यार में असफल शख्स आत्महत्या कर ले तो क्या गर्लफ्रेंड होगी जिम्मेदार? जानें हाई कोर्ट ने क्या कहा.
POCSO Cases Can Be Quashed If Victim & Accused Reach A Genuine Compromise, Are Leading Happy Married Life: HP High Court | @BasitMakhdoomi#HimachalPradeshHighCourt #POCSO https://t.co/BxIH0cG50J
— Live Law (@LiveLawIndia) December 13, 2023
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