HC On Victim Having Sexual Experience and Resistance: उड़ीसा हाई कोर्ट ने रेप के एक मामले में एक अहम फैसला सुनाया है. दरअसल एक आरोपी के खिलाफ नीचली अदालत ने भाभी से रेप के आरोप में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी. जिस सजा लेकर पीड़ित की तरफ से सजा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिस मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी को भाभी से रेप करने वाले व्यक्ति को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि दोनों बीच शारीरिक संबंध आपसी रजामंदी से बने. ऐसे में महिला ने उसका विरोध नहीं किया. इसलिए आरोपी के खिलाफ रेप का केस नहीं बनता है. क्योंकि उसने शारीरिक संबंध बनाने के लिए जोर-जबरदस्ती नहीं किया.

पीड़िता का आरोप:

पीड़िता की तरफ से मामले में  एफआईआर  दर्ज कराने के अनुसार  16.03.2014 की शाम जब जब वह वह जंगल के रास्ते अपने घर लौट रही थी. इस बीच आरोपी उससे मिला और  उसके साथ जबरदस्ती रेप किया. वहीं जब पीड़िता सूर्यास्त के बाद भी घर नहीं लौटी, तो उसका पति उसकी तलाश में गया और उसे जंगल में उस शख्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पाया. अपने पति को देखकर पीड़िता ने अपीलकर्ता को लात मार दी. जिससे वह मौके से भाग गया.

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