Lesbian Partner Detained By Parents Case: समलैंगिक साथी के घर वाले बने रिश्ते में रूकावट तो महिला पहुंची हाई कोर्ट

एक महिला ने केरल हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (Habeas Corpus Petition) दायर की है, जिसमें दावा किया गया है कि उसके समलैंगिक साथी के माता-पिता ने उन्हें अलग होने के लिए मजबूर किया.

एक महिला ने केरल हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (Habeas Corpus Petition) दायर की है, जिसमें दावा किया गया है कि उसके समलैंगिक साथी के माता-पिता ने उन्हें अलग होने के लिए मजबूर किया. याचिकाकर्ता ने अनुरोध में अपने साथी की वापसी की मांग की है. 6 जून को जस्टिस पीबी सुरेश कुमार और सीएस सुधा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. 19 जून को जब मामले की दोबारा सुनवाई होगी तो पुलिस को याचिकाकर्ता के साथी को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया.

याचिकाकर्ता के साथी के माता-पिता को भी अदालत ने नोटिस दिया था और उनसे जवाब मांगा था. महिला ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ता रूढ़िवादी मुस्लिम परिवारों से आते हैं, और जब उनके परिवारों को उनके रिश्ते के बारे में पता चला, तो उन्होंने उन्हें अलग रखने की बहुत कोशिश की.

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