राजस्थान: जोधपुर (Jodhpur) में उपजे तनाव के बाद शहर में कानून व्यवस्था को बहाल करने के लिये प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू (Curfew) लगाया गया है. पुलिस और प्रशासन का दावा है कि अब किसी भी तरह की हिंसा शहर में नहीं होने दी जाएगी. जोधपुर के पुलिस आयुक्त नवज्योति गोगोई ने कहा "स्थिति नियंत्रण में है. पर्याप्त बल तैनात किया गया है. मैं लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. 13 प्राथमिकी दर्ज की गई है और हमने 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है."

जोधपुर विवाद (Jodhpur Violence) की शुरुआत सोमवार आधी रात के बाद उस वक्त हुई जब कथित तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने शहर के एक सर्किल पर स्थापित स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर धार्मिक झंडा लगाया, जिसका हिंदू समुदाय के लोगों ने विरोध किया. हिंदू समुदाय के लोगों का आरोप है कि वहां परशुराम जयंती पर लगाए गए भगवा ध्वज को हटाकर इस्लामी ध्वज लगा दिया गया और इसे लेकर दोनों समुदाय के लोगों में झड़प हो गई.

हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन वहां पथराव में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए. नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं स्थगित कर दीं. हालात पर काबू पा लिया गया था लेकिन मंगलवार सुबह जालोरी गेट के पास स्थित ईदगाह में ईद की नमाज के बाद कुछ लोगों ने वहां खड़े वाहनों, घरों व दुकानों पर पथराव किया था.

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