मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति द्वारा प्राप्त सेवाओं के लिए Google Review जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर प्रतिकूल विचार व्यक्त करना सेवा प्रदाता की मानहानि नहीं होगी, क्योंकि यह अनुच्छेद 19(1)( में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत आता है.
न्यायमूर्ति वी शिवगणनम ने कहा कि इंटरनेट एक स्वतंत्र मंच और अभिव्यक्ति और संचार का एक महत्वपूर्ण साधन है. उन्होंने कहा कि अपमानजनक प्रकृति के झूठे बयान/टिप्पणियां पोस्ट करना या प्रचार करना मानहानि के समान होगा, लेकिन Google समीक्षाओं में केवल विचारों की अभिव्यक्ति मानहानि नहीं होगी.
Merely Writing Negative Google Review About Services Received Doesn't Constitute Defamation Of Service Provider: Madras High Court | @UpasanaSajeev #GoogleReviews #Defamation #freespeech https://t.co/YTet9m23P3— Live Law (@LiveLawIndia) September 13, 2023
अदालत एक वकील द्वारा दायर एक आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट, कोयंबटूर द्वारा पारित उस आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसमें उनके एक पूर्व ग्राहक के खिलाफ उनकी शिकायत को खारिज कर दिया गया था, जिन्होंने उनके अनुसार अपने Google खोज में उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां पोस्ट की थीं. इंजन ने उसकी सेवाएं लेने के बाद मानहानि का अपराध किया है.
(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)