Bombay High Court On Rape and DNA Test: रेप के मामले में जेल में बंद बॉम्बे हाई कोर्ट से एक युवक को बड़ी राहत मिली है. युवक पर आरोप था कि 2016 में मौके का फायदा उठाकर उसने उसने अपनी नाबालिग चचेरी बहन के साथ रेप किया. जिसे वह गर्भवती हो गई. रेप के मामले में युवक के खिलाफ केस दर्ज हुआ. इस बीच गर्भवती महिला ने एक बच्चे को जन्म भी दिया. लेकिन जब मामला कोर्ट पहुंचा तो बच्चे का डीएनए परीक्षण कराया गया. लेकिन बच्चे के साथ युवक का डीएनए मैच नहीं होने पर कोर्ट ने युवक को जमानत पर रिहा कर दिया. नाबालिग के साथ जब रेप हुआ उस समय वह 16 साल 9 महीने की थी. वहीं लड़का भी नाबालिग था. परिजनों की शिकायत के बाद युवक के खिलाफ मुंबई पुलिस ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत दर्ज किया था.

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