दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) द्वारका में तनाव बढ़ गया, जब कथित तौर पर 30 से अधिक छात्रों को फीस संबंधी मुद्दों के कारण प्रवेश करने से रोक दिया गया, बावजूद इसके कि अभिभावकों ने दावा किया कि भुगतान किया गया था. एक विवादास्पद कदम में स्कूल ने कथित तौर पर विरोध कर रहे अभिभावकों और छात्रों को प्रबंधित करने के लिए बाउंसरों को काम पर रखा, इस दृश्य को व्यापक रूप से साझा किए गए वीडियो में कैद किया गया. अभिभावकों का दावा है कि अप्रैल की फीस चेक के जरिए और मई की ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए चुकाई गई, जिसमें से पहले की फीस अभी तक प्रोसेस नहीं हुई है. इस घटना ने आक्रोश को जन्म दिया है, जो जबरन फीस वसूलने की प्रथाओं पर लंबे समय से चली आ रही शिकायतों को उजागर करता है. यह भी पढ़ें: दिल्ली में निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर बवाल, 'आप' का भाजपा पर 'शिक्षा माफिया' से गठजोड़ का आरोप

यह दिल्ली के प्राइवेट स्कूल शुल्क संरचनाओं की बढ़ती जांच के बीच भी हुआ है. दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में डीपीएस द्वारका को अप्रैल में शुल्क वृद्धि विवाद और आधिकारिक निरीक्षण के बाद भेदभावपूर्ण प्रथाओं को समाप्त करने का निर्देश दिया था.

डीपीएस द्वारका ने फीस न चुकाने पर निष्कासित छात्रों के विरोध प्रदर्शन को संभालने के लिए कथित तौर पर रखे बाउंसर

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