बॉम्बे हाई कोर्ट की गोवा बेंच ने कहा कि बेटी का पारिवारिक संपत्ति पर अधिकार सिर्फ इसलिए समाप्त नहीं हो जाता है क्योंकि उसे उसकी शादी में दहेज दिया गया था. जस्टिस एम एस सोनक ने अपीलकर्ता बहन की सहमति के बिना पारिवारिक संपत्ति को स्थानांतरित करने वाले भाइयों द्वारा किए गए ट्रांसफर डीड को रद्द कर दिया. " कोर्ट ने कहा कि, भले ही यह मान लिया जाए कि बेटियों को कुछ दहेज दिया गया था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बेटियों का परिवार में कोई अधिकार नहीं रह गया है."

अदालत ने कहा कि घर की बेटियों को पर्याप्त दहेज प्रदान करने के बारे में कोई सबूत नहीं है और यह निष्कर्ष निकाला कि बहनों को बाहर करने के लिए भाइयों द्वारा संयुक्त परिवार की संपत्ति हड़प की जा रही थी.

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